वाराणसी दुर्घटना – शुरू हुआ एक दुसरे पर आरोप लगाने का दौर
निलोफर बानो.
वाराणसी में मंगलवार शाम हुए दर्दनाक फ्लाई ओवर हादसे के बाद अब आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश सेतु निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय की ओर से लखनऊ में मीडिया को बयान दिया गया कि वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से उसे ट्रॉफिक डायवर्जन को लेकर मदद नहीं मुहैया करायी गयी, जिसकी वजह से जानोमाल का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं वाराणसी के जिलाधिकारी ने इन आरोपों का यह कहते हुए खंडन किया कि जांच चल रही है और इसपर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
हमने की है हर संभव मदद
घटना के एक दिन बाद बुधवार को वाराणसी में मीडिया से बात करते हुए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि उच्चस्तरीय जांच चल रही है इसलिये कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। हालांकि उन्होंने ये जरूर स्पष्ट किया कि जब भी, किसी भी प्रकार की सहायता मांगी गयी, ना सिर्फ सेतु निगम, बल्कि पीडब्ल्यूडी सहित विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिये हमने हर संभव मदद की है।
मदद में पीछे नहीं रहा जिला प्रशासन
जिलाधिकारी के अनुसार बनारस में गेल और आईपीडीएस सहित विभिन्न एजेंसियों के बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जिस विभाग के द्वारा हमसे मदद मांगी गयी, डायवर्जन मांगा गया, प्रशासन और पुलिस का सहयोग मांगा गया, पीएसी के डिप्लॉयमेंट की मांग की गयी, कभी-कभी अतिक्रमण हटाने के लिये महिला पुलिस की मांग की गयी, तब तब हमारे मजिस्ट्रेट्स और पुलिस प्रशासन ने हमेशा उपलब्ध रहे हैं।
हमने अभी दिया हुआ है तीन महीने का डायवर्जन
जिलाधिकारी ने बताया कि अभी बाबतपुर-लखनऊ रोड पर रेलवे का ओवर ब्रिज बन रहा है। डीएम योगेश्वर राम मिश्र के अनुसार, ”उन लोगों ने हमसे तीन महीने के लिये ट्रैफिक डायवर्जन मांगा, काफी व्यस्त सड़क होने के बावजूद हमने वहां ज्यादा से ज्यादा मैन पॉवर लगाकर इतने लंबे वक्त के लिये ट्रैफिक को डायवर्ट किया है। बनारस में बहुत तेजी के साथ विकास कार्य हो रहे हैं। हम सब लोग टीम स्पिरिट के साथ काम कर रहे हैं।”