थारू जनजाति की सहवनिया पहुंची ब्राजील

ब्राजील में ६ सप्ताह के प्रशिक्षण में शामिल होने पहुची

 

फारूख हुसैन (शिशिर शुक्ला)

लखीमपुर खीरी पलिया कलां

उ0प्र0 जनपद लखीमपुर खीरी के पलिया कलां क्षेत्र के दुधवा जंगलों की गोद में पीढ़ियों से बसे तमाम थारू आदिवासियों को आज गर्व हो रहा है कि ग्राम सूरमा से अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन की राष्ट्रीय कारिणी की विशेष आमंत्रित सदस्य व थारू आदिवासी नौजवान महिला मोर्चा की संयोजिका सहवनिया राणा आज लेटिन अमेरिकी देश ब्राज़ील के लिये 6 हफतों तक चलने वाले एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये आज सुबह दिल्ली के इंदिरा गाॅधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से रवाना हो गयी। उनके साथ अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन के प0 बंगाल सुन्दरबन क्षेत्र में आंदोलनरत नोैजवान पबित्र मंडल भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये रवाना हुए।

ब्राज़ील के प्रमुख सामाजिक संगठन एम.एस.टी व द नेशनल इन्सटीट्यूट फार द सोशल एण्ड कल्चरल डेवलेपमेंट आफ द रूरल ऐरियास् (कल्टीवार) द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कोर्स आन पोलिटिकल ट्रेनिंग फार पोलिटिकल एजुकेटर्स द्वारा अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन के दो नौजवान अग्रणी कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के आशय से आमंत्रित किया, यूनियन द्वारा दुधवा क्षेत्र से सहवनिया राणा और प0बंगाल सुन्दरबन क्षेत्र से पबित्र मंडल को भेजना तय किया गया। दरअसल सहवनिया राणा इससे पहले गत वर्ष एम.एस.टी. ब्राज़ील द्वारा लखनऊ में आयोजित एक पाॅच दिवसीय कार्यशाला का हिस्सा बन कर अपनी प्रस्तुतियों से आयोजकों व वहां शामिल प्रतिनिधियों पर एक छाप छोड़ने में कामयाब रहीं थी व इसके बाद एम.एस.टी की प्रमुख पदाधिकारी लोरा सहवनिया के साथ चार दिन उनके गांव सूरमा व अन्य गांवों में भी दौरा व महिलाओं के साथ बातचीत करके गयीं थीं व उन्होंने सहवनिया से अनुरोध किया था कि वे बा्रजील में युवाओं के लिये आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिये तैयारी शुरू कर दें।

अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन को इन दोनों नौजवान साथियों से पूरी उम्मीद है कि वे वापिस आकर ना सिर्फ वहां अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई देशों से शामिल होने वाले साथियों के साथ एक बेहतर राजनैतिक व आंदोलनात्मक रिश्ता क़ायम कर के आयेंगे बल्कि यहां आंदोलनरत वनाश्रित समुदायों की महिलाओं व नौजवान महिला पुरूषों के साथ अपने अनुभवों को बांटकर अपने अपने क्षेत्र के और राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे आंदोलन की धार को और तेज़ करने में भी सहायक साबित होंगे।

यहां से विदा होते समय सहवनिया राणा व पबित्र खासे उत्साहित थे व आत्मविश्वास से लबरेज़ भी थे। सहवनिया राणा जो कि इग्नू दिल्ली की एम.एस.डब्लू कोर्स की विद्यार्थी है और गोला फेंक व चक्का फेंक खेलों में दूसरे नं0 की विजेता भी रह चुकी हैं, वे यूनियन के अग्रणी कार्यकर्ता जवाहर राणा व घुमनी देवी की बेटी हंै, जिन्होंने अपने समुदाय व पिता पर वनविभाग द्वारा होते हुए अत्याचारों को अपनी आंखों से देखा है व जिन्होंने अपने पिता के नक्श-ए-क़दम पर चलते हुए ताउम्र अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए आन्दोलनरत रहने का प्रण भी लिया हुआ है।

आज सुबह करीब 2.30 बजे अखिल भारतीय वनजन श्रमजीवी युनियन के रजनीश ने बताया कि कर्मठ नौजवान कार्यकर्ता सहवनिया और पवित्र ब्राजील सओपलो हवाई अड्डा पर पहुंच गये, यहां पर ये साथीगण भूमि अधिकार आंदोलन के विषय पर  एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे । इस कार्यक्रम का आयोजन दुनिया के सबसे बड़े भू अधिकार आंदोलनकारी संगठन एम एस टी ब्राजील कर रहा है और यह राजनैतिक प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 हफ्ते तक चलेगा। दुनिया भर के लड़ाकू भू अधिकार आंदोलनकारी संगठनों के नौजवान इस में भाग ले रहे हैं, जिसमे वे  आपस में चर्चा करेंगे । यह एक बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और उन्हें काफी मेहनत करनी होगी । आज सुबह सहवनिया से होस्टल पहुंचने के बाद वीडियो पर बातचीत हुई, उसके चेहरे पर एक अद्म्य उत्साह की चमक थी व बातचीत में करीब 24 घंटे के लंबे हवाई सफर के बावजूद थकान नहीं बल्कि जोश था, पवित्र का भी लिखित में सकुशल ब्राज़ील पहुंचने का संदेश आया, दोनों ही बहुत खुश और उत्साह में है। सहवनिया उ.प्र लखीमपुर खीरी दुधवा ने.पार्क व पवित्र प.बंगाल सुंदरबन क्षेत्र में आंदोलनरत हैं

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