बालिका ईश्वर से प्रदत्त आशीर्वाद है न की अभिशाप – सिस्टर अलफोंसा
विकास राय
गाजीपुर जनपद के लूदर्स कान्वेंट बालिका इण्टर कालेज के प्रार्थना स्थल पर मां मरियम को समर्पित बालिका दिवस बेटी बचाओ बेटी पढाओ के साथ बहुत ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।अपने संबोधन में विद्यालय की प्रधानाचार्या सिस्टर अलफोंसा ने कहा की बालिका ईश्वर से प्रदत्त आशिर्वाद है न की अभिशाप है।मां बाप को जितना सुख बेटियां दे सकती है वह सुख बेटा नहीं दे सकता है। जरा पूछिए उनसे जिनके पास बेटी नहीं है। बेटियां पराई अमानत होती है लेकिन क्या पता कल पूरी दुनिया के सामने आप फख्र से कहेंगे की यह मेरी बेटी है।
सिस्टर अलफोंसा ने भ्रूण हत्या की कडे शब्दों में निन्दा करते हुवे कहा की अगर आपको मां चाहिए. बहन चाहिए. पत्नी चाहिए तो फिर बेटी क्यों नही? बेटी होगी तभी आपको मां बहन और पत्नी मिलेगी।जब इतनी कीमती है बेटिया तो फिर क्यों खटकती है मन को बेटियां।जबकि सबको पता है बेटों को भी जन्म देती है बेटियां। बालिकाओं के शिक्षा पर प्रकाश डालते हुवे आपने कहा की एक शिक्षित नारी ही शिक्षित समाज का निर्माण करती है।आज की बेटियां कल की युग निर्माता है।आपने बेटियों के महत्व को बताते हुवे कहा की रोशन करेगा बेटा तो बस एक कुल को.दो दो कुलों की लाज होती है बेटियां।अपने संबोधन में सिस्टर सुपिरियर साधना ने विश्व की प्रसिद्ध एवं सफल महिलाओं की जीवनी पर प्रकाश डालते हुवे कहा की अगर बेटा वारिस है तो बेटी पारस है। अगर बेटा बंश है तो बेटी अंश है।अगर बेटा आन है तो बेटी गुमान है।अगर बेटा संस्कार है तो बेटी संस्कृति है।अगर बेटा गीत है तो बेटी संगीत है। आपने देश में हो रहे भ्रूण हत्या पर अपने दिल के उद्गार को कुछ इस तरह से बयां किया। गर मेरा दुनिया में आना भी तुझको मंजूर नहीं।जिस दिन तरसोगे बेटी को ओ दिन ज्यादा दूर नहीं।अपना ही था खून तुम्हारा जिसको कोख में मार दिया।आज की बेटी कल की मां है ये भी नहीं बिचार किया।
बिद्यालय की छात्राओं ने एकांकी. कौव्वाली. समूह गीत.नृत्य एवम बहुत ही सुन्दर झांकियों की प्रस्तुति की।
इस मौके पर फादर दिलराज डीन गाजीपुर. सिस्टर प्रिती.सिस्टर संजना.सिस्टर अजया.सिस्टर पेट्रोनिला.सिस्टर सुनिता एवम फादर आकाश समेत सभी शिक्षिका व छात्राएं उपस्थित रही।