शो पीस बने नवीन गल्ला मंडी परिसर में बने शौचालय
फारुख हुसैन
औरंगाबाद खीरी। जी हां एक ओर जहां केंद्र सरकार द्वारा खुले में शौच मुक्त करने के अभियान चलाए जा रहे हैं, तो वहीं इसके विपरीत मैगलगंज के नवीन गल्ला मंडी परिसर स्थित बने शौचालय शासन-प्रशासन के खुले में शौच मुक्त अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं। आलम यह है कि परिसर में बने शौचालय कूड़े से पटे पड़े हुए हैं, लेकिन जिम्मेदार मूकदर्शक मात्र बनकर इधर उधर लोगों को शौच करते देख रहे हैं।
एक तरफ जहां केंद्र सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को स्वच्छ भारत बनाने के लिए स्वच्छता अभियान के साथ साथ खुले में शौच मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक घर में शौचालय के फरमान जारी किए हुए हैं, तो इसके विपरीत मैगलगंज नवीन गल्ला मंडी परिसर के जिम्मेदार मंडी सचिव व उनके अधीनस्थ कर्मचारी स्वच्छ भारत अभियान के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए परिसर में बने शौचालयों को कूड़े से पटे हुए देखने के बाद भी इस ओर कोई अमल करना सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं, जबकि रोजाना दर्जनों की संख्या में मंडी परिसर आने वाले ग्राहक व आम आदमी को इधर उधर से शौच आदि करने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती हैं, जबकि मंडी परिसर में ही शौचालय स्थापित हैं।
लेकिन कूड़े के ढेर से पटे होने के चलते इस ओर कोई भी देखना जरूरी नहीं समझता। लोगो की माने तो अभी कुछ माह पूर्व इन शौचालयों पर ही एक होटल के मालिक का कब्जा था, होटल मालिक के द्वारा शौचालय के इस्तेमाल के एवज में यात्रियों से सुविधा शुल्क की भी वसूल की जाती थी। खैर जानकारी होने पर जिम्मेदारों ने इस बाबत कदम उठाया और शौचालय को होटल के इस्तेमाल से रोक दिया गया, बस महज इतनी ही औपचारिकता मात्र निभाकर नवीन गल्ला मंडी परिसर के मंडी सचिव व जिम्मेदार कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर दी। जबकि रोजाना लाखों रुपए खर्च कर भारत को स्वच्छ बनाने के अभियान के प्रति जागरुक करने के लिए जन मानस को जागरुक किया जा रहा है लेकिन मंडी परिसर के जिम्मेदार शायद स्वच्छता के इस अभियान में कोई सरोकार रखना उचित नहीं समझते। जिसके चलते यह शौचालय अवरुद्ध हो चुके हैं।
अब देखना यह है कि क्या जिम्मेदारों के द्वारा इस ओर कोई कदम उठाया जाएगा या फिर खुले में शौच मुक्त के अभियान को मंडी के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी यूं ही ठेंगा दिखाते रहेंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।