सुशासन या जंगल राज – बिहार में मनचलों ने गर्ल्स हास्टल में घुस कर किया छात्राओ से मारपीट, 34 बेटिया हुई घायल

गोपाल जी

सुपौल : वर्त्तमान सरकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा देती है. पहले इसी बिहार में होने वाले अपराध पर भाजपा द्वारा कड़वा बयान दिया जाता था और बिहार में कानून राज नही बल्कि जंगल राज का तमगा दिया जाता रहा है. आज स्थिति थोडा बदल चुकी है. बिहार में भाजपा के समर्थन में सुशासन बाबु है, अपराध आज भी वैसा ही है मगर सत्ता में होने के वजह से अब भाजपा का बयान कही नही आ रहा है. सुशासन बाबु के राज में बेटिया कितनी सुरक्षित है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक स्कूल के गर्ल्स हास्टल में घुस कर मनचलों ने लडकियों को इस बेरहमी से मारा कि उनमे से 34 घायल हो गई है जिनमे से 14 गंभीर रूप से घायल है. घटना का कारण मनचलों द्वारा छेड़खानी का विरोध करना बताया जा रहा है

मनचले स्‍कूल की छात्राओं से छेड़खानी करते थे। वे छात्रावास (हॉस्‍टल) की दीवारों पर गंदी बातें लिख देते थे। छात्राओं ने इसका विरोध किया तो उन्‍हें गुस्‍सा आ गया। उन्‍होंने हॉस्‍टल में घुसकर छात्राओं को जमकर पीटा। हमले में घायल 34 छात्राओं को इलाज के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा, जिनमें 14 की हालत चिंताजनक है। घटना सुपौल के त्रिवेणीगंज स्थित कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय (स्‍कूल) की है। घटना के चार आरोपितों को रविवार देर शाम तक पुलिस ने मुख्‍य आरोपित हरिया व मोहन सहित गिरफ्तार कर लिया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मनचलों ने हॉस्‍टल की दवारों पर अश्‍लील बातें लिख दी थीं। शनिवार की शाम में स्‍कूल की कुछ छात्राये मैदान में खेल रही थीं। इसी दौरान कुछ मनचले उन पर अभद्र टिप्पणी करने लगे। दीवारों पर अश्‍लील बातों के कारण पहले से भड़कीं छात्राओं ने इस पर आपत्ति दर्ज की। उन्‍होंने मनचलों की शिकायत अध्यापकों से किया। अध्यापको और विद्यालय प्रधान द्वारा जब मनचलों को समझाने का प्रयास हुआ तो वे उनसे भी उलझ गए। फिर, मनचले अपने अभिभावकों को बुलाकर ले ले आए और गुंडई पर उतरी भीड़ ने विद्यालय पर हमला बोल दिया। उन्‍होंने वहां की सभी छात्राओं और शिक्षकों के साथ बेरहमी से मारपीट की। घटना में 34 छात्राएं गंभीर रूप से जख्मी हो गईं। घटना के बाद पुलिस ने घायल छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया।

14 बेटियों की हालत नाज़ुक

घटना में घायल 14 छात्राओं की हालत नाजुक बताई जा रही है। इस बीच जिलाधिकारी के आदेश पर घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। एसडीओ विनय कुमार के अनुसार घटना में शामिल लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। उनमें चार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें मुख्‍य आरोपित हरिया व मोहन शामिल हैं।

घटना की जानकारी मिलने के बाद सांसद रंजीत रंजन लड़कियों को देखने अस्‍पताल पहुंचीं। शनिवार की देर रात्रि सांसद रंजीत रंजन ने अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने छात्राओं की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को लेकर शासन-प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया।

क्या कहते है ज़िम्मेदार

आईजी ने अपने बयान में कहा है कि घटना के चार आरोपितों को रविवार की देर शाम तक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अन्‍य आरोपितों को खोज रही है। आइजी ने बताया कि छात्राओं ने एक स्‍थानीय लड़के मोहन को फब्तियां कसने से मना किया। इसके बाद मोहन अपनी मां तथा कुछ अन्‍य महिलाओं के साथ पहुंचा तथा मारपीट शुरू कर दी। आइजी के अनुसार घटना में घायल 14 लड़कियां अभी भी अस्‍पताल में हैं। घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान की जा चुकी है।

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