मध्य प्रदेश – महिला ने 15 दिन की बच्ची को मंच पर रख कर सहायता राशि मांगी तो मंत्री जी हो गये नाराज़
करिश्मा अग्रवाल
नागदा. जनता के द्वारा अपना अधिकार मांगने पर नेता कैसे नाराज़ हो सकते है इसका जीता जागता उदहारण आज यहाँ देखने को मिला जब एक विधवा ने अपने 15 दिन के मासूम बच्ची को मंच पर रख कर मंत्री जी से सहायता राशी मांग लिया उसकी इस हरकत पर मंत्री जी जोर से नाराज़ हो गये और बोले दादागिरी यहाँ नही चलेगी. घटना कुछ इस प्रकार है कि यहां एक कार्यक्रम में सामाजिक न्याय और अधिकारिता केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत उस वक्त नाराज हो गए जब एक महिला ने 15 दिन की बच्ची को मंच पर रखकर योजना के तहत सहायता राशि देने की मांग की। नाराज मंत्री ने कहा कि चेक दे देंगे, लेकिन यहां दादागिरी नहीं दिखाओ।
दरअसल, शनिवार को मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कामगार कल्याण योजना का कार्यक्रम चल रहा था। केंद्रीय मंत्री गेहलोत वृद्धजन को शासन की योजनाएं गिना रहे थे, तभी भीड़ से उठकर गट्टूबाई अपनी पड़ोसी महिला कौशल्या को योजना में पंजीकृत पति की मौत के बाद राशि का चेक दिलाने की मांग को लेकर पहुंच गई। उसने 15 दिन की बच्ची को मंच पर लेटा दिया। साथ ही बताया कि कौशल्या के पति की 4 महीने पहले मौत हो चुकी है। घर में तीन बेटियां और एक बेटा है। ससुर बीमार हैं। कमाने वाला कोई नहीं बचा। सरकार से 2 लाख रुपए की सहायता राशि मिलनी थी, लेकिन नहीं दी जा रही।
गेहलोत नाराज हो गए:
महिला की मांग पर गेहलोत नाराज हो गए। महिला से कहा- “यहां से उठाओ बच्ची को। ऐसी नहीं चलेगा।” इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने महिला को समझाया। इसके बाद महिला फिर से अपनी जगह जाकर बैठ गई।
कौशल्या के पति की चार महीने पहले मौत हो गई थी:
कौशल्या ने बताया पति सुरेश परमार की 4 महीने पहले हार्टअटैक से मौत हो गई थी। सुरेश मजदूर थे और मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना में पंजीकृत भी थे। इसका प्रमाण पत्र नगरपालिका ने जारी किया था। योजना के तहत पंजीकृत मजदूर की मौत के बाद सरकार से दो लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है। मौत के चार महीने बाद भी चेक नहीं मिला। कौशल्या के अनुसार 15 दिन पहले ही उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया। एक बालक कुणाल व दो बेटियां मधु और पायल हैं। परिवार में कमाने वाले सुरेश इकलौते थे। ससुर अमर परमार हैं, लेकिन वे अकसर बीमार रहते हैं।