गैर इरादतन हत्या के दोषी सगे भाइयों को दस साल की सजा व अर्थदंड
हरिशंकर सोनी
सुलतानपुर। रूपयों के विवाद में हुई वृद्ध की गैर इरादतन हत्या मामले में अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ की अदालत ने दो सगे भाइयों को दोषी करार दिया है। सत्र न्यायाधीश उदय भान सिंह ने दोनों को दस-दस वर्ष के कारावास एवं 11 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनायी है।
मामला कुड़वार थाना क्षेत्र के मिठेनपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले जयकरन ने 24 मई 2010 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी लड़की अनीता गांव के ही पिंटू से अपने उधारी के पैसे मांगने गयी थी,जिसे आरोपीगण सगे भाई बहादुर,रामटहल व बहादुर के बेटे पिंटू व सिंटू ने गाली-गलौज करते हुए मारापीटा। बीच-बचाव में दौड़ी वादी की पत्नी ज्ञानमती एवं पिता रामधन पर भी आरोपियों ने लाठी-डंडो से हमला किया। जिसमें रामधन गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज लखनऊ रेफर किया गया। 16 दिन तक वहां पर उनका इलाज चला।
जिसके बाद परिवारीजन उसे घर ले आये। जिसके सप्ताह भर बाद रामधन की मौत हो गयी। इस मामले में गैर इरादतन हत्यारोपी सगे भाई बहादुर व रामटहल निषाद के खिलाफ एडीजे चतुर्थ की अदालत में विचारण चला। जिस पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश किया,वहीं अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता रमेशचंद्र सिंह व अभियोगी के निजी अधिवक्ता बृजेश श्रीवास्तव ने सात गवाहों को परीक्षित कराया। तत्पश्चात न्यायाधीश उदयभान सिंह ने दोनों भाइयों को गैरइरादतन हत्या का दोषी मानते हुए दस वर्ष के कारावास एवं 11 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनायी है।
वहीं अदालत ने विपक्षी रामटहल के जरिए जयकरन,ज्ञानमती व निर्मला के खिलाफ चल रहे मारपीट के मुकदमें में साक्ष्य के अभाव में सभी को बरी कर दिया है। मालूम हो कि गैर इरादतन हत्यारोपी पिंटू व सिंटू के किशोर होने के चलते उनका विचारण किशोर न्यायालय में चल रहा है।