एक अनोखा स्कूल, गाडी बुला रही है, सीटी बजा रही है……….
फारुख हुसैन
लखीमपुर। जी हां 1974 में मशहूर गायक किशोर कुमार द्वारा दोस्त फिल्म में इस गीत की यादों को लखीमपुर खीरी का शिक्षा महकमा एक बार फिर तरोताजा कर रहा है। यहां प्राथमिक शिक्षा का सुधार करने के लिए सरकार की मंशा है सब पढ़े और सब बढ़े के अनुरूप प्राथमिक शिक्षा का स्तर सुधारने और संवारने के लिए प्राथमिक विद्यालयों को तरह तरह से संवारा जा रहा है। उद्देश्य साफ है कि गांव और कस्बों में रहने वाले बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के प्रति रुचि बड़े और वह गांव कस्बों से निकल कर अपने प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। कुछ इसी तरीके की मनशा को साकार करते हुए योगी सरकार के निर्देश पर लखीमपुर खीरी के शिक्षा महकमे ने कई विद्यालयों को रेल मॉडल पर तैयार किए गए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम निकल कर सामने आ रहे हैं।
बताते चले कि लखीमपुर खीरी में कई प्राथमिक विद्यालयों को रेल मॉडल की तर्ज पर तैयार किया गया है। जिसमें पसगवां विकास खंड के परिषदीय स्कूलों का नया लुक मैगलगंज के खुटी खुर्द प्रथमिक व पसगवां पूर्व माध्यमिक विद्यालय को दिया गया नया लुक कक्षाएं बनेगी कोच, यानी डिब्बे व यात्री होंगे विद्यार्थी। विकास खंड पसगवां के खंड शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह राणा के निर्देशन में परिषदीय स्कूलों को दिया जा रहा है नया लुक। पसगवां विकासखंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पसगवां व पूर्व माध्यमिक विद्यालय खूंटी खुद को बनाया गया मॉडल स्कूल।
विद्यालयों की बिल्डिंग की आकर्षक ढंग से रंगाई पुताई करके ट्रेन का दिया गया लुक। इसी तरह लखीमपुर खीरी ब्लॉक के मुड़िया खेड़ा प्राथमिक विद्यालय को भी रंगाई पुताई कर ट्रेन का लुक दिया गया है। जिसके चलते यहां बच्चों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। साथी बच्चों की स्कूल में उपस्थिति मैं भी इजाफा हुआ है। पाइन्द निजाज़ न्यूज की टीम ने ऐसे स्कूलों का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की जिसमें स्कूल के छात्र-छात्राओं का भी कहना है कि स्कूल के नक़्शे उन्हें बहुत पसंद है।
सरकार द्वारा की गई पहल प्राथमिक शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने में कारगर साबित हो रही है। अभिभावकों का भी मानना है कि उनके बच्चों की रुचि पढ़ाई को लेकर बड़ी है। जबकि उच्च अधिकारियों का भी कहना है कि इसके पीछे उनका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि प्राथमिक शिक्षा के प्रति नौनिहालों का मन लगा रहे। छात्र-छात्राओं का भविष्य और बेहतर हो इसके चलते सरकार के निर्देश पर विद्यालयों को नया लुक देखकर छात्र-छात्राओं को आकर्षित किया जा रहा है।