सीबीआई अधिकारी अजय कुमार बस्सी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने माँगा सीबीआई अंतरिम निदेशक से नोटिस जारी कर जवाब
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: सीबीआई की रार में एक और तार अब बस्सी की याचिका पर जुड़ गया है। देश की शीर्ष अदालत में गुहार लगते हुवे सीबीआई के डीएसपी अजय कुमार बस्सी ने अपने तबादले को चुनौती दिया था। आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बस्सी की याचिका पर सुनवाई की। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुवे सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव से छह हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है।
याचिका में एके बस्सी ने दावा किया है कि उनका तबादला दुर्भावना से प्रेरित है और इससे जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच प्रभावित होगी। जांच एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की जांच करने वाले एके बस्सी ने आरोप लगाया गया है कि वह जांच एजेंसी के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के शोषण का शिकार हैं। साथ ही बस्सी ने याचिका में दावा किया था कि जांच एजेंसी के भीतर कुछ तत्वों का प्रतिनिधित्व कर रहे नागेश्वर राव नहीं चाहते कि राकेश अस्थाना की प्राथमिकी के मामले में याचिकाकर्ता स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच करे।
सीबीआई के अधिकारी अजय बस्सी ने अपनी याचिका में कहा है कि यह आदेश ऐसे अधिकारी ने दिया है जो ऐसे आदेश देने के लिए सक्षम नहीं है। याचिका में कहा गया है कि इस आदेश का मकसद उनका शोषण करना है और यह राकेश अस्थाना के खिलाफ 15 अक्टूबर, 2018 को दर्ज प्राथमिकी की जांच को अनुचित तरीके से प्रभावित करने वाला है। बस्सी ने याचिका में यह भी कहा है कि वह अस्थाना से संबंधित प्राथमिकी की जांच करने वाले जांच दल या किसी अन्य मामले की जांच कर रहे ब्यूरो के दल का हिस्सा बनने का दावा नहीं कर रहे हैं।
सीबीआई के इस अधिकारी ने याचिका में कहा था कि नागेश्वर राव ने ही 24 अक्टूबर, 2018 को भी उनका तबादला पोर्ट ब्लेयर किया था और एक बार फिर वह आलोक वर्मा प्रकरण में शीर्ष अदालत के फैसले की अनदेखी करते हुये उन्हें अंडमान निकोबार भेजा। बस्सी ने अपनी याचिका में जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के 11 जनवरी के तबादला आदेश को चुनौती देते हुए कहा है कि इससे जांच एजेंसी के पूर्व निदेशक आलोक कुमार वर्मा के मामले में न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन होता है।