शिक्षकों का कमाल, प्राथमिक विद्यालय बझेड़ा बना बेमिसाल, शिक्षकों ने अपने निजी संसाधनों से ख़र्च किये, 4 लाख रुपये

प्रियांशु गुप्ता

बिजुआ-खीरी। सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं पर भले ही तमाम सवाल उठाए जाते हों लेकिन बिजुआ ब्लॉक क्षेत्र का एक प्राइमरी स्कूल बेमिसाल बन चूका हैं। इस विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य वीरेन्द्र कुमार शुक्ल के प्रयासो से प्राइमरी स्कूल स्वच्छ और सुंदर हो गया है। स्कूल को स्वच्छ और हराभरा बच्चों को आकर्षित कर रहा है। जिसे विद्यालय में बच्चों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुयी है।

बिजुआ ब्लाक क्षेत्र का यह प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय ग्राम बझेड़ा में स्थित है। इस विद्यालय में प्रधानाचार्य वीरेंद्र शुक्ल की तैनाती वर्ष 2011 में हुई थी। तैनाती के समय विद्यालय की हालत काफी खराब थी। उस समय विद्यालय की हालत ख़राब देखकर विद्यालय को स्वच्छ और सुंदर बनाना इनका एक सपना बन गया। वह विद्यालय को बच्चों के लिए आकर्षक बनाना चाहते थे।

संसाधनों का अभाव था। विद्यालय को कैसे संवारा और सजाया जाए, इसी जुस्तजू में कई साल बीत गए। जिस पर सभी शिक्षक साथियों ने विद्यालय को सजाने और संवारने में तन-मन और धन से सहयोग किया। फिर क्या था, सबने मिलकर बिना सरकारी मदद के विद्यालय को सुंदर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन सब में ग्राम प्रधान का निजी रूप से काफी सहयोग मिलता रहा। इसका नतीजा यह हुआ कि वर्तमान में विद्यालय में सीसीटीवी सर्विलांस स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर शिक्षा के लिए 3 कंप्यूटर, 2000 पुस्तकों वाला पुस्तकालय, किचन गार्डन, सुन्दर लॉन गॉर्डन सोलर पावर व इनवर्टर, सभी कक्षों में समुचित लाइट व पंखों की व्यवस्था, स्वच्छ व सुंदर शौचालय, अंडरग्राउंड वाटर ड्रेनेज, रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, रनिंग वाटर सप्लाई, 1000 लीटर वाली पानी की टंकी, समरसेबल पंप, स्टाफ व बच्चों के लिए अलग-अलग शौचालय व मूत्रालय, गतिविधियों द्वारा सुगम शिक्षा,एमडीएम में खाने के लिए सुन्दर डायनिंग हाल, इसके आलावा विद्यालय में 25 पानी की टंकियां और हेंडवाश की व्यवस्था। साथ ही स्वच्छ व हरा-भरा विद्यालय का परिसर अनायास ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

हरा भरा विद्यालय बच्चों को कर रहा आकर्षित

विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र कुमार शुक्ल ने दैनिक लोक भारती अखबार की खास बात-चीत में बताया। नियुक्ति के  समय वर्ष 2011 में विद्यालय की कुल छात्र संख्या कक्षा 1-5 तक 189, और 6-8 तक 57 संख्या थी। जो वर्तमान में छात्रो की संख्या 303 व 212 है। जिसमें 205 छात्र नदी पार के क्यों किलोमीटर दूर मजरों से हैं पढ़ने विद्यालय आते है। वर्ष 2011 में ग्राम बझेड़ा गाँव मे केवल 1, 2 लोग हाई-स्कूल,इण्टर पास लोग थे परन्तु अब इस गाँव से लगभग 60 बच्चे हाई स्कूल, इण्टर और स्नातक कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। विद्यालय में लगभग 6 लाख का ख़र्च आया था जिसमे 2 लाख तक सहायता प्राप्त हुयी थी बाकि 4 लाख अपने निजी संसाधनों से लगाया गया है।

स्वच्छ्ता व् सुंदरता में जिला में दूसरा स्थान

विद्यालय अपनी स्वच्छता एवं सुंदरता को लेकर जिले में दूसरा स्थान प्राप्त कर चूका है। इसके लिए सम्बन्धी अधिकारियों द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेंद्र कुमार शुक्ल को सम्मानित भी किया जा चुका है। वीरेंद्र शुक्ल ने बताया यहाँ मेरी पोस्टिंग के समय यहाँ शौचालय पूर्ण रूप से जर्जर थे। वही आज वर्तमान में छात्रो के लिए 5 शौचालय, और 12 मूत्रालय, एवं 1 आंगनवाड़ी शौचालय बनाया गया है। साथ ही विद्यालय की साफ़ सफाई हेतु विद्यालय में एक निजी सफाई कर्मचारी लगाया गया है। जिसे प्रधानाचार्य अपने वेतन से उसको मासिक सैलरी देते है।

स्मार्ट क्लास, एलसीडी पर पढ़ाई

प्राइमरी स्कूल में एक स्मार्ट क्लास रूम तैयार किया गया है। जिसमे छात्र छात्राओ को कंप्यूटर की सहायता से एलसीडी पर पढ़ाई करायी जाती है। जिससे बच्चे इस क्लास रूम में पढ़ने के लिए काफी उत्साहित रहते है। स्मार्ट क्लास रूम में बच्चों को एलसीडी पर टेवल,अ-आ, AtoZ, एवं अन्य कार्यक्रमों के प्रोग्राम सिखाये जाते है।

यहाँ खुद करते थे, साफ़-सफाई शिक्षक

पोस्टिंग के समय वर्ष 2011 में इस विद्यालय के हालात काफी हद तक ठीक नही थे। उस समय प्रधानाचार्य वीरेंद्र शुक्ल साफ-सफाई को लेकर स्वयं ही विद्यालय में झाड़ू लगा कर स्वच्छता का परिचय देते हुए विद्यालय की साफ़-सफाई करते थे। आज वही विद्यालय स्वच्छता एवं सुन्दर की मिसाल बनकर जिले में दुसरा स्थान प्राप्त कर लिया है।

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