मोरबतियाँ – जब पाकिस्तान अपने बाप का नही हुआ तो चीन कब तक इश्क फरमाएगा उससे
तारिक आज़मी
नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान का याराना आज कल परवान चढ़ रहा है। दोनों इस समय लैला मजनू की दास्तान के तरह एक दुसरे से गलबहिया करते दिखाई दे जाते है। पाकिस्तान से अपने इश्क का भरम एक बार फिर से चीन ने रखा है और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत पर चीन ने गहरी सहानुभूति तो जताई है, मगर उसने अपने संदेश में पाकिस्तान का जिक्र तक नहीं किया है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भेजे गए शोक संदेश में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जोर देते हुए कहा है कि आतंकवाद मानव जाति का सामान्य दुश्मन है और चीन हर तरह के आतंकवाद का मजबूती से विरोध करता है और इसकी कड़ी निंदा करता है।
चीन ने इस सन्देश में पाकिस्तान का कोई ज़िक्र नही किया और सिर्फ आतंकवाद का विरोध करता रहा है। अब इश्क है तो उसकी लाज तो रखनी ही पड़ेगी। लोग समझते नही है इस बात को। बात खाली काका को समझ आ गई और काका ने बताया कि देखो इश्क में माशूक की खता दिखाई नही देती है। अब इश्क ऐसा है कि पूछो मत। तो फिर कैसे चीन को पाकिस्तान की गलती दिखाई दे जाएगी। अब पाकिस्तान से इश्क उसका परवान चढ़ रहा है तो फिर इश्क में कही खता दिखाई देती है। इश्क में तो माशूक काला भी हो तो उसका रंग सबसे गोरा दिखाई देता है।
काका ने बताया कि बस चीन को एक बात का ख्याल रखना होगा कि जो अपने बाप का नहीं हुआ वो इश्क में उसका कहा से हो जायेगा। अब बाप का मतलब तो भारत से होता है। कही न कही से पाकिस्तान भारत की औलाद है। ऐसी औलाद है जिसके नाकारापन से त्रस्त होकर बाप ने उसको अलग कर दिया। अब वो अपने बाप के ही खिलाफ साजिशे रच रहा है। जब कोई अपने बाप के खिलाफ साजिश कर सकता है तो फिर उसको इश्क में साजिश करने के लिये कितना वक्त लगेगा। ये बात तो चीन को सोचनी चाहिये। अब देखना होगा कि चीन का ये पाकिस्तानी इश्क कब तक चलता रहता है।