डेढ़ साल बाद शहीद के परिजनों से किया वायदा पूरा किया सरकार ने
उमेश गुप्ता
बिल्थरारोड (बलिया)। 20 सितंबर 2017 इस परिवार पर कहर के तरह टुटा था, मगर परिजन गर्व से सर उठा कर इस दुःख को सह गये थे। उस परिवार का एक लाल देश के लिये शहीद हो चूका था। घटना 20 सितंबर 2017 की है जब जम्मू के बनिहाल में ड्यूटी के दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ के होने पर उभाव थाना क्षेत्र के ग्राम टंगुनिया निवासी लाल बचन यादव के पुत्र रामप्रवेश यादव को शहादत मिली थी। परिजनों पर यह दिन कहर के तरह टुटा था। मगर शहीद के पिता का सीना गर्व से फुला हुआ है।
सरकार ने भी वायदों की झड़ी लगाई और शहीद के परिजनों को समस्त सुविधाओ के साथ शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का वायदा कर डाला। सितम्बर 2017 के बाद से वक्त गुज़रता गया और और दिनों के पहिये चक्के लगा कर महीने और फिर साल में गुज़र गये। धीरे धीरे करते करते वक्त के साथ डेढ़ साल इसी इंतज़ार में गुज़र गया कि कब सरकारी चिट्ठी लेकर कोई आये और शहीद की पत्नी को नौकरी मिलने का सन्देश सुनाये।
देर आये मगर दुरुस्त आये की तर्ज कहे या फिर बहुत देर कर दी मेहरबा आते आते। लफ्ज़ दोनों सब्र के ही है मगर आज ये सब्र और इंतज़ार की घडिया शहीद के परिजनों की पूरी हुई और शहीद के परिजनों को जिस सरकारी चिट्ठी का इंतज़ार था वह आज उसको मिल ही गई। सरकारी फरमान को लेकर आज तहसीलदार बेल्थरा शहीद के घर पहुचे और सरकारी दावतनामा देने के साथ उनको लखनऊ भेजा जहा मुख्यमंत्री द्वारा शहीद के परिजनों को सम्मानित करने के साथ शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र मिलेगा।
तहसीलदार गौतम ने बताया कि शहीद की पत्नी चिंता देवी यहां से लखनऊ के लिए रवाना होंगी जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नौकरी देने के साथ ही शहीद के परिजनों को सम्मानित किया जायेगा। शहीद की पत्नी चिंता देवी, पिता लाल बचन यादव और भाई सर्वजीत यादव उर्फ गोल्डन पुलिस प्रशासन संग लखनऊ के लिये रवाना हो गए। कोतवाल राजेश कुमार सिंह ने शहीद परिवार को रसड़ा तक पहुच्वाया। वहां से जनपद के अन्य दो शहीद के परिजनों के साथ पुलिस सुरक्षा में लखनऊ रवाना कर दिया। शहीद रामप्रवेश यादव के परिजन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नौकरी देने की घोषणा को देर से ही सही मगर अमलीजामा पहनाने से खुश हैं।