सांसद निधि दुरूपयोग प्रकरण – बढ़ सकती है स्मृति इरानी की मुश्किलें

तारिक जकी

नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाते हुवे सत्ता के गलियारे में पहुची भाजपा के लिये मुसीबते ख़त्म होने का नाम नही ले रही है। राफेल मुद्दे पर जहा विपक्ष लगातार हमलावर है। वही अब केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की भी मुश्किलें बढती नज़र आ रही है। भाजपा की राज्य सभा सांसद स्मृति इरानी पर सांसद निधि के कामो में घपले का आरोप लगा है। अब इस मामले में पड़ी जनहित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट सख्त रुख अख्तियार कर चूका है। कल गुरुवार को गुजरात हाई कोर्ट ने परियोजनाओं का क्रियान्यवन करने वाली एजेंसी से धनराशि वसूली को लेकर ब्यौरा तलब किया है।

बताते चले कि सांसद स्मृति इरानी की निधि से कामों में गड़बड़ी सामने आने के बाद कार्यदायी संस्था से वसूली के आदेश पहले से जारी हो चुके हैं। कैग की रिपोर्ट से खुलासा होने के बाद गुजरात के एक कांग्रेस विधायक  इस मामले को लेकर अदालत की चौखट पर पहुंचे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए एस दवे और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की पीठ ने मामले में सरकार द्वारा अब तक की गई जांच की स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष और आणंद जिले में अन्क्लाव विधानसभा सीट से विधायक अमित चावडा ने जुलाई 2017 में एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें आरोप लगाया था कि राज्यसभा सांसद के रूप में जारी निधि में बंदरबाद हुई है। कार्यदायी संस्था ने घोटाला किया है। इस मामले में हुई जांच में भी गड़बड़ी की पुष्टि हुई। जिसके बाद कार्यदारी एजेंसी से वसूली के आदेश जारी हुए थे।

अब हाई कोर्ट खासा नाराज़ है। अब कोर्ट ने धनराशि वसूली का ब्यौरा तलब किया है।। मामले में अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। इस मामले का कैग की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ था। कांग्रेस का आरोप है कि स्मृति ईरानी ने सांसद निधि से बिना टेंडर के ही एक एनजीओ को 5.93 करोड़ रुपये के टेंडर दे दिए। कई काम भी कागजी पाए गए थे। जिले  के कलेक्टर ने जांच के बाद रिकवरी करने के आदेश दिए थे।

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