नहीं रहा 26/11 का आखिरी हीरो डॉग सीजर

राज जायसवाल
26/11 के मुंबई हमले के दौरान पुलिस के जिन स्निफर डॉग्स की वजह से मुंबई के कई लोगों की जान बची, उनमें से सीजर नाम के हीरो की गुरुवार को मुंबई में मौत हो गई। सीजर के हैंडलर संतोष भोगले ने पत्रकारों को बताया कि सीजर ने सिर्फ 26/11 में नहीं, 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में भी कई जिंदा बमों को धमाके से पहले ही ट्रेस कर लिया था।

26/11 को सीजर ने सीएसटी के 13 नंबर प्लैटफॉर्म पर पड़े कई दर्जन हैंडग्रेनेड को खोजा था। छबाड हाउस में आतंकवादियों द्वारा छोड़ी गई विस्फोटक सामग्री भी उसने जब्त करवाने में मुंबई पुलिस की मदद की थी। मुंबई पुलिस कमिश्नर डी.डी. पडसालगिकर ने सीजर को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, ‘बहादुर, सतर्क और दक्ष सीजर को उसकी सेवाओं के लिए याद किया जाएगा। हम सभी के लिए एक भावुक क्षण।’ मुंबई पुलिस के ऑफिशल ट्विटर हैंडल से भी सीजर को श्रद्धांजलि दी गई,’डॉग स्क्वॉयड  सेवानिवृत्त सदस्य द्वारा 26/11 के दौरान की गई सेवा कभी भुलाई नहीं जा सकती। हम अपने हीरो को बहुत ही ज्यादा मिस करेंगे।’

11 जुलाई ,2006 को मुंबई में सात लोकल ट्रेनों में बम धमाके हुए थे। इनमें कई लोग मारे गए थे। उस दिन आतंकवादियों ने कई और भी बम रखे थे। पर सीजर ने उन्हें फटने से पहले ही ढूंढ निकाला था। इस वजह से कई निर्दोष लोगों की जान बच गई थी। मुंबई में 2011 में भी ऑपेरा हाउस, झवेरी बाजार और दादर में तीन जगह बम ब्लास्ट हुए थे। दादर में फूल मार्केट में भी एक बम रखा गया था, पर इसे सीजर की मदद से फटने से पहले ट्रेस कर लिया गया। संतोष भोगले कहते हैं, कि सीजर कोअक्टूबर, 2004 में पनवेल से तब खरीदा गया था, जब वह सिर्फ तीन महीने का था। करीब 9 महीने की ट्रेनिंग के बाद सन 2005 में उसकी पुलिस में भर्ती हुई। सन 2013 में वह रिटायर हो गया था। रिटायरमेंट के बाद उसे विरार के एक फार्म हाउस में रखा गया था। गुरुवार को वहीं उसकी मौत हो गई। बाद में उसका पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। 26/11 का वह आखिरी हीरो स्निफिर डॉग था। इसी साल सीजर के 3 अन्य सहयोगियों टाइगर, सुल्तान और मैक्स की भी मृत्यु हुई। चार महीने पहले मैक्स डॉग की मौत हुई थी। सन 2014 में प्रिंस ने आखिरी सांसें ली थीं। सन 2009 में लाइका की मृत्यु हो गई थी। लाइका के हैंडलर आनंद देवेर्डेकर के अनुसार लाइका और मैक्स ने 26/11 के दिन ताज होटल के बाहर पड़े आरडीएक्स से भरे एक बैग को खोजा था, जबकि प्रिंस ने अपने हैंडलर गणेश माने की सीएसटी के क्लॉक रूम में दो दिन बाद मिले विस्फोटकों के बैग को ढूंढने में मदद की थी।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *