खटारा वाहनों से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे
प्रदीप दुबे विक्की
ज्ञानपुर, भदोही। जिले के स्कूल में चलने वाले वाहनों की हालत काफी खस्ता है। कई ऐसे वाहन हैं, जो काफी जर्जर हालत में हैं। अथवा उनकी मियाद पूरी हो गई है। बावजूद इन बसों और वाहनों का उपयोग स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में किया जा रहा है। मियाद पूरी कर चुके जर्जर वाहनों और खटारा आटो रिक्शों से हर समय हादसा होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में प्रशासन की लापरवाही से बच्चों का भविष्य भी खतरे में रहता है।
बताने चलें की भदोही जिले के गोपीगंज स्थिति बंजारी गांव के शिवम पब्लिक स्कूल के बच्चों को आज भी खटारा आटो रिक्शों सेठूंसठूंसकर घर से विद्यालय तथा विद्यालय से घर पहुंचाये जा रहे हैं। जनपद में करीब डेढ़ सौ सै अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां स्कूलों में बच्चों को लाने- लेे जाने के लिए बसेें अथवा वैन संचालित किए जाते हैं। यह सुविधा भले ही अभिभावकों को राहत पहुंचाने के लिए दी है। लेकिन स्कूल प्रबंधकों की लापरवाही अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। जिले में अब तक जर्जर स्कूली वाहनों से कई बड़े से बड़े सड़क हादसे अब तक हो चुके हैं लेकिन शिक्षा महकमा और आरटीओ विभाग बेपरवाह हैं।
बावजूद मियाद पूरी कर चुके खटारा वाहनों से आए दिन हादसों की संभावना बनी रहती है विभाग खटारा और नियाज पूरी कर चुके वाहनों को लेकर बार-बार निर्देश जारी कर औपचारिकताएं पूरी करता रहता है । लेकिन स्कूलों में मियाद पूरी कर चलने वाली खटारा वाहनों के विरुद्ध कभी ठोस कार्रवाई नहीं करता है । ऐसे में निजी स्कूल संचालक अपने स्कूल के बच्चों को मियाद पूरी कर चुके खटारा वाहनों से स्कूल लाने और ले जाने का काम करते हैं । यदि विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो बीते दिनों हुए हादसे की तरह जनपद में कभी ना कभी फिर से बड़ा हादसा हो सकता है। जबकि प्रतिदिन परिवहन विभाग के अफसरों के साथ-साथ डीएम एसपी और स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी स्कूली बच्चों को खटारा वाहनों में लेकर विद्यालय ले जाते और घर पहुंचाते देखने के बाद भी ऐसे वाहनों की जांच-पड़ताल नहीं कराई जा रही है।