वाराणसी – सामाजिक संगठनो और छोटे दलों का साथ लेकर अजय राय दे सकते है प्रधानमंत्री मोदी को बड़ी चुनावी टक्कर
तारिक आज़मी
वाराणसी. लोकसभा निर्वाचन में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को अब तक सोलह राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। इनमें अधिकांश ने कांग्रेस मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ताओं के बीच और कुछ ने सम्मेलन के साथ अपने समर्थन पत्र सौंपे। भाकपा ने अपने कार्यालय में राय का स्वागत कर समर्थन दिया। हम पहले आपको समर्थन देने वाले दलों और संगठनो के सम्बन्ध में बताते चलते है. कांग्रेस को समर्थन देने वाले राजनितिक दलों में सीपीआई तक शामिल है. आइये आपको पहले राजनैतिक दलों के नाम बताते है.
राजनीतिक दल= भाकपा, अपना दल, जन अधिकार पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), राष्ट्रीय जनता दल, लोकतांत्रिक जनता दल, लोकदल, भारतीय समता मूलक समाज पार्टी, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, पूर्वांचल जनशक्ति पार्टी, भारतीय मानव समाज पार्टी, राष्ट्रीय पूर्वांचल एकता पार्टी, समता समाजवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट, पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी और समाजवादी मंच।
आज कांग्रेस मीडिया सेंटर में पहुंचकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रो.रमेश दीक्षित एवं जिलाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने, लोकतांत्रिक जद (शरद यादव) के प्रदेश महासचिव लोलारख उपाध्याय तथा समाजवादी मंच के प्रदेश अध्यक्ष ओंकार सिंह ने समर्थन पत्र दिया।
सामाजिक संगठनो का भी है साथ
वही कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को सामाजिक संगठनो का भी लगातार सहयोग मिल रहा है. लगभग रोज़ ही कांग्रेस के मीडिया सेंटर में कोई न कोई सामाजिक संगठन अजय राय को समर्थन दे रहा है. इस दौरान कई बड़े सामाजिक संगठनो ने भी अजय राय को समर्थन का एलान कर दिया है. कृष्ण यादव महासभा, केन्द्रीय ब्राह्मण महासभा, देवालय पीठ, साहू समाज समिति, ग्राम स्वराज क्रांति आन्दोलन, जनसेवा साहित्य शोध ट्रस्ट प्रमुख है। इस संगठनो में सबसे अधिक क्षति भाजपा को उस समय हुई जब केंद्रीय ब्राह्मण महासभा ने अजय राय को समर्थन दिया. जानकार बताते है कि इसके पहले ये संगठन भाजपा का समर्थक हुआ करता था.
यही नही दूसरी तरफ यादव मतों पर नज़र टिकाये बैठे गठबंधन को भी एक तगड़ा झटका अजय राय ने दिया है. इस झटके के लिए एक युक्ति जोर का झटका धीरे से लगे के तर्ज पर आज कृष्ण यादव महासभा ने अजय राय को समर्थन प्रदान किया है. बताते चले कि कृष्ण यादव महासभा यादव समाज हेतु काम करती है. यादव समाज में जिले के भीतर अच्छी पकड़ रखने वाले इस संगठन के समर्थन के बाद अजय राय का यादव समाज से निकटता बढ़ना जहा गठबंधन को बेचैन कर सकता है, वही कई चुनावों से सपा से कुछ रूठे यादव समाज भाजपा के तरफ नर्म रहता था. अब इस समाज में अजय राय की पैठ भाजपा को भी परेशान करने में कोई कोर कसर शायद नही छोड़ रही है.
बताते चले कि वाराणसी में भाजपा के टिकट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद प्रत्याशी है. सीट भाजपा के लिए एक प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है. इस सीट पर 19 मई के आखरी चरण में होने वाले मतदान में पहले ऐसे शोर थे कि कांग्रेस यहाँ से प्रधानमंत्री को टक्कर देने के लिए शायद प्रियंका गाँधी को उतार देगी. मगर आखरी लम्हे में पासे चलते हुवे कांग्रेस ने यहाँ से अपने पुराने प्रत्याशी अजय राय को टिकट देकर वापस मैदान में उतार दिया. इस टिकट पर कुछ राजनैतिक जानकार इसको लगभग एकतरफा चुनाव समझ रहे थे, मगर अब जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आ रहा है भाजपा के लिए अजय राय एक बड़ी सरदर्द साबित होते दिखाई दे रहे है. रफ़्तार धीरी ही सही मगर अजय राय ने चुनावी नब्ज़ को पकड़ कर यहाँ अपना प्रचार जारी किया. ऐसी आशा किया जा रहा है कि अब यहाँ चुनावी टक्कर अजय राय से काटे की होने वाली है. स्थानीय कांग्रेस नेता अभी से मुस्कुरा रहे है और कुछ तो ये ही कह सकते है कि पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त