वाराणसी – जनसेवा और क्षेत्रीय समस्याओं के निस्तारण हेतु दिन रात एक करने वाला पार्षद
तारिक आज़मी
वाराणसी. हमारा गुज़र चौक क्षेत्र से हो रहा था। घडी रात का दो बजाने को बेताब थी। गाड़ी की स्पीड बढाने का मन हो रहा था, रात काफी अँधेरी हो चुकी थी और इस गर्म रात में शहर नींद के आगोश में समां चूका था। इस दरमियान मन हुआ कि बेनिया से एक पूरवा चाय पी लिया जाए। शहर का यह इलाका हमेशा गुलज़ार रहता है और रात दिन यहाँ चाय पान की दुकाने खुली रहती है। हमने चौक से गाड़ी दालमंडी की पेचीदा दलीलों सरीखी गलियों के तरफ घुमा लिया था।
वैसे दोपहर के वक्त इस क्षेत्र की सड़के भी सकरी लगती है। मगर रात को तो पूरी सड़क काफी चौड़ी नज़र आ रही थी। गाड़ी की रफ़्तार रात के सन्नाटे में तेज़ रही। दालमंडी के आखरी छोर पर खजूर वाली मस्जिद के पास रोशनी अधिक होने से गाडी की रफ़्तार धीरी किया। हमारी नज़र वहा चल रहे सरकारी निर्माण कार्य पर पड़ी। पास ही एक चबूतरे पर निर्माण कार्य को अपने संरक्षण में करवाने वाले पार्षद मोहम्मद सलीम बैठे थे। आपसी सलाम दुआ के बाद बरबस ही मुह से निकल पड़ा क्या सलीम साहब इतनी रात में ? तो उन्होंने कहा कि बस इस काम को पूरा करवाना है।
हमने भी गाडी खडी कर दी। निर्माण कार्यो के मुताल्लिक बात होने लगी। जानकारी हासिल हुई कि इस क्षेत्र में पीने के पानी की पाइप लाइन काफी जर्जर स्थिति में हो चुकी है। जिससे गन्दा पानी घरो में पहुच रहा है। काफी कोशिशो के बाद ये पाइप लाइन बदलने का काम शुरू हुआ है। दोपहर के वक्त भीड़ रहने के कारण काम में काफी बाधा उत्पन्न होती है तो रात में भी काम जारी रखवाया गया है। इतनी रात तक बैठने का सबब जान कर भी काफी हैरानी हुई। अमूमन तो एक कल्चर चल गया है कि पार्षद जीतते ही अपना एक प्रतिनिधि रखते है और खुद रियर 2 रियरेस्ट के आधार पर ही मिलते है। बकिया उनका काम अधिकतर उनके प्रतिनिधि ही देखते है। कई क्षेत्र तो ऐसे भी है कि पार्षद प्रतिनिधि खुद को किसी विधायक से कम नही समझते है।
मगर वाराणसी के कुछ पार्षद ऐसे है जिन्होंने ये पार्षद प्रतिनिधि का चक्र तोड़ रखा है। अगर प्रमुखता से नाम देखा जाए तो बड़ी बाज़ार के रमजान अली, छित्तनपूरा के साजिद अंसारी और दालमंडी के पार्षद मोहम्मद सलीम इसमें प्रमुख है। वही पार्षद मोहम्मद सलीम ने हमसे बताया कि सामने बैठ कर काम करवाना ज़रूरी होता है। आखिर जब हम अपने घर में कोई निर्माण कार्य करवाते है तो सामने खुद बैठते ही है न। उसकी वजह ये ख़ास तौर पर होती है कि काम हमारे मनमुताबिक हो सके। वैसे ही ये पूरा क्षेत्र तो मेरा अपना घर ही है। इसके लिए हमारी ज़िम्मेदारी है कि काम आँखों के सामने हो ताकि कोई कसर न रह जाए। जवाब वाकई खामोश करने वाला ही था। पार्षद सलीम के साथ मौके पर क्षेत्रीय नेता और व्यापारी इरशाद अहमद भी बैठे हुवे थे। हमसे बात करते हुवे उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सीवर और पानी की समस्या काफी बड़ी समस्या बनी हुई थी। पार्षद ने इन दोनों समस्याओं का निदान करवाया है। यह काबिल-ए-तारीफ काम हुआ है।
एक क्षेत्रीय युवक अयान खान ने कहा कि सलीम भाई से पहले इस क्षेत्र का कोई भला करने वाला नही था। वोट के खातिर दिखाई देने वाले, वोट लेने के बाद ही वीवीआईपी हो जाते है। इस समस्या का हम क्षेत्र के लोगो ने भी खूब सामना किया है। एक अन्य क्षेत्रीय युवक इमाम खान ने कहा कि सलीम भाई जिस प्रकार से हमारे हर सुख दुःख में खड़े रहते है। जिस तरह रोज़ ही क्षेत्र में दौरा करते है उस तरह पहले कभी नही हुआ।
प्राप्त जानकारी को आधार माने तो इस इलाके में सड़क सीवर और पेयजल एक बड़ी समस्या थी। पिछली बार यहाँ से पार्षद बने विक्की खान एक बाहुबली नेता थे। क्षेत्रीय लोगो की माने तो खान साहब से मुलाक़ात ही बड़ी मुश्किल रहती थी। हाई सिक्योरिटी में रहने वाले खान साहब वैसे सड़क पर ज़मीनी समस्याओं के लिए अपना प्रतिनिधि रख कर काम चला लेते थे। वही कई वर्षो से क्षेत्र सीवर, पानी और सड़क की समस्याओं से जूझ रहा है। वर्त्तमान पार्षद मोहम्मद सलीम ने इस बार चुनावों में बाहुबली प्रत्याशी से मुकाबला किया। कही न कही से मुकाबला बहुबल बनाम जनबल हुआ और जनबल के आगे बाहूबल आखिर हार ही गया। वोट की चोट झेले बाहुबली हेतु यह हार एक आश्चर्य चकित कर देने वाली हार थी। एक बाहुबली को हरा कर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधित्व प्राप्त करने वाले सलीम पर जहा दुर्व्यवस्थाओ से लड़ना एक बड़ी चुनौती थी. अंततः सलीम ने चुनौतियों को गले लगा कर एक एक कर समस्याओं का निस्तारण करना शुरू कर दिया
इस क्रम में हमने भी कई बार समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमे सबसे प्रमुख समाचार था कि “साहब, कही सीवर के पानी में बह न जाए दालमंडी का कारोबार”। इस खबर के बाद नगर निगम ने भी संज्ञान लिया और ठन्डे बसते में पड़ी इस क्षेत्र के सीवर लाइन बदलने की फाइल धुल को पोछ कर दौड़ना शुरू हुई और अंततः सीवर लाइन बदली गई।
चौके लगी गलियों के चौके काफी जर्जर स्थिति में पहुच चुके थे। ईद के पहले समस्याओं को देखते हुवे पार्षद सलीम ने कई क्षेत्र में चौको की मरम्मत खुद के निजी खर्च से किया था। क्षेत्र में इस मामले की काफी चर्चा रही थी। वही अब पीने के पाइप लाइन का भी काम हो जाने के बाद अब समस्याओं का निस्तारण अधिकतम स्तर तक हो चूका है। वही क्षेत्र की जनता सलीम पार्षद की प्रशंसा कर रही है।