बलिया में सरकारी विद्यालयों की स्थिति हुई बदतर, अध्यापको को मिलता है घर बैठने का वेतन
- विद्यालय पर स्टाफ हैं तीन, लेकिन प्रतिदिन आते हैं सिर्फ एक अध्यापक,
- दो अध्यापिका हैं जो सप्ताह में एक या दो बार आकर कर देतीं हैं हस्ताक्षर – ग्रामीण जनता
- पूर्व माध्यमिक विद्यालय में केवल नर्सरी के चार बच्चे ही आते हैं विद्यालय
- अध्यापिकाओ के सम्बन्ध में पूछने पर हाथ जोड़ दिया रोज़ उपस्थित होने वाले अध्यापक ने
संजय ठाकुर/अन्जनी राय
बलिया जनपद में ऐसा भी है एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय। जिसके बारे में जानने के बाद आप ये सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की सरकारी विद्यालयों में उत्तर प्रदेश सरकार अध्यापकों को घर बैठाकर वेतन देने का काम कर रही है। एक सर्वे के तहत हमारे संवाददाता ने एक विद्यालय का जायजा लिया जिसके अंतर्गत वहां पर केवल चार छात्र पाये गए वह भी नर्सरी के जबकि विद्यालय है पूर्व माध्यमिक । संयोग से उस विद्यालय पर मौजूद एक अध्यापक देवेन्द्र नाथ से बात चित में तो कुछ ख़ास नहीं मिला, अध्यापक ने अपने हाथ जोङकर कहा हम नहीं कुछ कह सकते हैं जिससे जाहिर होता है दोनों अनुपस्थित अध्यापिकाओं सुशीला देवी ( प्रधानाचार्य) और गीता देवी (सहायक अध्यापिका) की दबंगई। क्योंकि मास्टर साहब वहां की कमियों को छुपाते हुए और आनाकानी करते साफ़ नजर आये। जब हमारे संवाददाता ने वंहा के ग्रामीणों से उस विद्यालय के बारे में पूर्ण जानकारी ली तो ग्रामीणों ने अजीब दास्ताँ बताई उस विद्यालय की। ग्रामीणों का कहना है की इस विद्यालय पर साहब दोनों अध्यापिकाएं सप्ताह में एक से दो दिन ही आती हैं और हस्ताक्षर कर के चली जाती हैं। बाकी के दिन केवल एक सहायक अध्यापक देवेंद्र नाथ आते है और अपना ड्यूटी पूरा कर चले जातें है। क्योंकि इस विद्यालय में बच्चे नहीं आते है। यह विद्यालय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलवारी, शिक्षा क्षेत्र सियर, जनपद बलिया के अंतर्गत स्थापित है।