मुशी प्रेम चन्द्र की जयंती के अवसर पर आयोजित हुआ विविध कार्यक्रम
विकास राय
गाजीपुर जनपद के बाराचंवर ब्लाक के डा राम मनोहर लोहिया डिग्री कालेज अध्यात्मपुरम ढोटारी के प्रांगण में चौबीस घंटे का अखण्ड श्री राम नाम संकिर्तन के समापन एवम उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेम चन्द की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्यदेव ग्रूप्स आफ कालेजेज की सर्व प्रथम यहीं पर कर्मबीर स्व सत्यदेव सिंह के द्वारा नींव रक्खी गयी थी। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन. मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवम मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नरेन्द्र देव सिंह के द्वारा की गयी।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बासुदेव पाण्डेय थे।मुख्य अतिथि बासुदेव पाण्डेय. एवम मुख्य वक्ता सुभाष सिंह के द्वारा मुंशी प्रेम चन्द के बारे में बिस्तार से प्रकाश डाला गया।अपने संबोधन में सत्यदेव ग्रूप्स आफ कालेजेज के प्रबंध निदेशक डा सानन्द सिंह ने कहा की आज ही के दिन 31-7-1880 ई० को उपन्यास सम्राट,आधुनिक कथा साहित्य के जनक, प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना कर प्रगतिशील आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले तथा अपनी यथार्थपरक और निर्भीक लेखनी से अंग्रेजों की अन्यायपूर्ण नीतियों का विरोध कर देशप्रेम से ओतप्रोत कहानियों के रचयिता मुंशी प्रेमचंद(धनपत राय श्रीवास्तव) का जन्म वाराणसी के लमही गाँव में पिता अजायब राय श्रीवास्तव तथा माता आनन्दी देवी के घर एक प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में हुआ था।
8 अक्टूबर 1936 ई० को अपने देहावसान के पूर्व तक अनवरत हिन्दी के साथ साथ उर्दू साहित्य में भी अनमोल योगदान देने वाले साहित्य रत्न मुंशी प्रेमचंद ने उर्दू में देशप्रेम जगाने वाली कहानियों का संग्रह नवाबराय के नाम से 1909 ई० में “सोजे वतन” नाम से प्रकाशित किया था।उन्होंने न केवल गोदान,कर्मभूमि,रंगभूमि,आदि उपन्यासों के माध्यम से अंधविश्वास व आड़म्बर आदि का विरोध किया बल्कि इनके माध्यम से समाज के वंचित व गरीब तबके मजदूर, किसानों,दलितों और नारियों की आवाज बुलन्द की।बेहद अभाव और गरीबी का जीवन जीने के बाद भी उन्होने गाँधी जी के आह्वाहन पर विद्यालय निरीक्षक की सरकारी नौकरी छोड़ कर असहयोग आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।गरीबों,वंचितों और शोषितों की आवाज बुलन्द करने वाले यथार्थवादी लेखक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुंशी प्रेमचंद को आज उनके जन्मदिन पर हम नमन करते हैं।अगर उनके प्रगतिशील विचारों को ग्रहण किया जा सके तो उनके जन्मदिन पर यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।आज से इस कालेज के नये सत्र का शुभारम्भ भी किया गया।
डा सानन्द सिंह ने बताया की इस कालेज में बी ए में हिन्दी. गृह विज्ञान. संस्कृत. भूगोल. अर्थशास्त्र. शिक्षाशास्त्र. समाज शास्त्र.मध्य इतिहास.राजनीति शास्त्र. के साथ साथ पी जी में भी गृह विज्ञान.शिक्षाशास्त्र. समाज शास्त्र. भूगोल एवम हिन्दी विषय भी उपलब्ध है।इस दौरान डा०सानन्द सिंह ने बहुत बडा ऐलान किया तथा कहा कि क्षेत्र के ग्रामीण ईलाको की छात्राए किसी तरह इण्टरमीडिएट की शिक्षा तो प्राप्त कर लेती है लेकिन धनाभाव के चलते स्नातक की शिक्षा से बंचित हो जाती है। उन सभी छात्राओ के लिए डा०राममनोहर लोहिया पी जी कालेज अध्यात्मपुरम् ढोटारी में स्नातक प्रथम वर्ष मे मात्र दो हजार रूपया दाखिला होगा द्धितीय वर्ष मे भी ये छात्राए प्रवेश करेगी तो फिर केवल दो हजार तथा तृतीय वर्ष मे भी केवल दो हजार रूपया मात्र फीस लगेगी इसके अतिरिक्त कोई शुल्क नही लगेगा।इसके बावजूद भी उन्होने यह भी ऐलान किया की अगर जिन छात्राओ के मां बाप अपनी बेटी को पढाने मे सक्षम नही होगे तो उनके लिए भी मेरा दरवाजा खुला है।
उन्होंने कहा कि मेरी सोच है की धनाभाव के कारण मेरे इलाके की एक भी बेटी स्नातक करने से बंचित न रहे ताकि वे भविष्य मे यह न कह पाये की मेरे माता पिता के पास रूपया नही था तो मै स्नातक की पढाई नही कर पायी। वैसी छात्राओ की पूरी फीश माफ होगी।इस कार्यक्रम के पश्चात आयोजित भण्डारे में अशोक सिंह पप्पू. यशवंत सिंह.विवेक सौरभ.दिग्विजय उपाध्याय.अवधेश यादव.सत्येंद्र सिंह.सत्येंद्र यादव.राजीव यादव.नीरज यादव. अमित सिंह झब्बू. धनंजय यादव.अभय सिंह.रमेश पटेल.अवधेश सिंह.अनिल सिंह.मनोज यादव.छांगुर यादव.अखिलेश यादव. गोलू यादव.राम जी गिरी समेत हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।