गाँधी जयंती पर विशेष – अमेरिका, जहा कभी नही गये महात्मा गांधी, वहा भी है उनकी प्रतिमाये और स्मारक

करिश्मा अग्रवाल

आज महात्मा गांधी की 150वीं जयंती जयंती हम मना रहे है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में गाँधी के चाहने वालो की कमी नही है। क्योकि गांधी केवल एक नाम नही बल्कि एक विचारधारा है। अब आप अमेरिका को ही ले ले। भले ही महात्मा गाँधी कभी अमेरिका नहीं गये, लेकिन अमेरिका में भी उनकी याद में स्मारक और प्रतिमाएं काफी तय्दात में लगी हुई है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि गाँधी के चाहने वाले और उनके विचारों का अनुनयन करने वाले लोगो में अमेरिका के कई दिग्गज नेताओ का भी है।

हालांकि अमेरिका में गांधी की इन प्रतिमाओं और स्मारकों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन पीटीआई ने उपलब्ध स्रोतों के हवाले से जानकारी जुटाई है जिसमे कहा गया है की अमेरिका में महात्मा गांधी की दो दर्जन से ज्यादा से प्रतिमाएं हैं। यहां एक दर्जन से ज्यादा सोसाइटी और संगठन गांधी से जुड़े हैं। इस सम्बन्ध में अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के सुभाष राजदान ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया था कि भारत से बाहर अमेरिका में सबसे ज्यादा महात्मा गांधी के स्मारक और आवक्ष प्रतिमाएं हैं। गांधी से संबंधित पहला स्मारक केंद्र वाशिंगटन डीसी के मेरीलैंड के बेथिस्डा में स्थित गांधी मेमोरियल सेंटर (गांधी स्मृति केंद्र) में बना था। यह अब भी कार्यरत है, जो गांधी के विचारों और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने में लगा है। यही नही प्रतिमाओं के अलावा अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग गांधी के अनुयायी हैं। इसमें अश्वेत अधिकारों के लिए काम करने वाले मार्टिन लूथर जूनियर किंग भी शामिल हैं। वह गांधी की अहिंसा और सत्याग्रह की शिक्षाओं से काफी प्रभावित थे।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और कई अन्य नेता महात्मा गांधी के विचारों के स्वघोषित अनुयायी रहे हैं। यही वजह है कि भारत से बाहर सबसे ज्यादा संख्या में अमेरिका में गांधी की प्रतिमाएं और स्मारक हैं। मौजूदा समय में महात्मा गांधी की प्रतिमा सभी मुख्य शहरों में हैं। इसमें वाशिंगटन डीसी भी शामिल है। यहां भारतीय दूतावास के सामने उनकी प्रतिमा है। इसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 16 सितंबर, 2000 में किया था।

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