पत्नी की जीत पर बोले आज़म खान – न जाने कैसे परखता है मुझे मेरा खुदा, इम्तेहान भी सख्त लेता है और हारने भी नहीं देता
हर्मेश भाटिया
रामपुर. रामपुर सीट और आज़म खान लगता है एक दुसरे के पूरक बनते जा रहे है। विपक्ष ने पूरी कमर कसी थी। जमकर मुकदमो के दौर के बीच आज़म खान ही नही बल्कि उनका पूरा कुनबा ही घिरा हुआ था। ऐसे में कांग्रेस के एक नेता फैसल लाला ने उनके खिलाफ लगा मुहीम ही छेड़ रखा हो। सभी तरफ से ऐसा लग रहा था कि आज़म खान के विरोधी अधिक हो चुके है।
ऐसे में उपचुनाव में आज़म ने जो सीट अपनी छोड़ी थी वह वापस उनके घर पर ही आकर रुकी। आजम खान की पत्नी और सपा नेता तंजीम फातिमा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के भारत भूषण गुप्ता को 7589 मतों से पटखनी दे डाली।
वही कांग्रेस के खुद को कद्दावर नेता कहने वाले फैसल लाला अपने प्रत्याशी अरशद खान के खातिर लगा कुछ कर नही सके। जितनी भीड़ लेकर फैसल लाला आज़म खान के विरोध की मुहीम चला रहे थे, उसके बराबर का मत भी शायद कांग्रेस के खाते में नहीं आया और कांग्रेस प्रत्याशी अरशद अली खान मात्र 4159 मतों पर सिमट कर रह गये।
इस दौरान बसपा का खुद का परफार्मेंस भी धराशाही हो पड़ा और बसपा प्रत्याशी को मात्र 3435 मतों से संतोष करना पड़ा। चुनाव सब मिलाकर केवल सपा और भाजपा के बीच ही सिमट कर रह गया जबकि नोटा ने एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और 1289 मतदाताओ का समर्थन प्राप्त किया।
इस जीत के बाद सपा प्रत्याशी तंजीम फातिमा ने जहा रामपुर की जनता का आभार और अल्लाह का शुक्र भेजा वही उनके पति आज़म खान ने शायराना अंदाज़ में दो लफ्जों में ही बात को मुख़्तसर रुख दे दिया। एक मद्धिम मुस्कराहट के साथ उन्होंने कहा कि न जाने कैसे परखता है मुझे मेरा खुदा, इम्तेहान भी सख्त लेता है और हारने भी नहीं देता।