औधे मुह गिरा एग्जिट पोल – महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा को भारी नुक्सान, महाराष्ट्र में भाजपा की बन रही सरकार, मगर हरियाणा में कांग्रेस से कड़ी टक्कर
नितीश कुमार को एक चुनाव में बड़ा झटका लगा है। वही दूसरी तरफ असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी ने बिहार में अपना खाता खोलकर खुद को रेस में शामिल हु कहकर नितीश की पेशानी पर परेशानी के बल दे दिए होंगे
आफताब फारुकी/ अब्दुल बासित मलक/ जुबैर शेख
नई दिल्ली: सभी एग्जिट पोल औंधे मुह गिरते दिखाई दे रहे है। एक तरफ जहा एकतरफा जीत के लिए भाजपा कमर कसे थी उसको तगड़ा झटका लगा है। वही कांग्रेस को उसकी खोई ज़मीन मिलने की उम्मीद दिखाई पड़ रही है।
हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जारी है। 8 बजे से शुरु हुई मतगणना के बाद अब तक जो रुझान सामने आए हैं बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक सफलता मिलती नहीं दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र में बीजेपी को 100 के आसपास सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। इससे यह साफ़ ज़ाहिर है कि 145 सीट के बहुमत हेतु भाजपा इस बार पूरी तरफ से शिवसेना के ऊपर निर्भर रहेगी। यह स्थिति थोडा राजनैतिक दृष्टि से सही इस कारण समझ आ रही है क्योकि लोकतंत्र में विपक्ष भी मजबूत होना चाहिए। स्मरण रहे कि अक्सर ही शिवसेना भाजपा के विरोध में बयानबाज़ी करती दिखाई देती है।
वहीं हरियाणा में 75 से ज्यादा सीटें जीतने का ख्वाब भी पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। शायद 370 और पाकिस्तान मुद्दा पर यहाँ बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था भारी पड़ती दिखाई दे रही है। हरियाणा में कांग्रेस को 17 सीटों का फायदा होता दिखाई दे रहा है। फिलहाल बीजेपी आलकमान ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को दिल्ली तलब कर लिया है। वही भाजपा पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बड़ी लालच देकर निर्दल सदस्यों को वह प्रभावित कर रही है। हरियाणा से प्राप्त सूत्रों की जानकारी को आधार माने तो यहाँ कांग्रेस ने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है। हालांकि चौटाला ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं और सूत्रों का यह भी कहना है कि बीजेपी भी दुष्यंत चौटाला पर अंदर ही अंदर डोरे डाल रही है।
बताते चले कि 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों राज्यों में पार्टी ने कोई स्थानीय चेहरा तय किए बगैर ही चुनाव लड़ा था। हरियाणा में 47 सीटें जीतकर पार्टी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी तो महाराष्ट्र में सर्वाधिक 122 सीटें जीतने के बाद भी बहुमत से दूर रहने पर शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाना पड़ा था।
वही दूसरी तरफ उपचुनाव में बिहार में नितीश को तगड़ा झटका लगा है। यहाँ किशनगंज विधानसभा से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी कमरुल होदा ने भाजपा की स्वीटी सिंह को पटखनी दिया है। यह संकेत साफ़ ज़ाहिर करता है कि ओवैसी की सिमांचल में पैठ बढ़ने लगी है जो आने वाले चुनावों में नितीश को बड़ा झटका दे सकती है। वही सिमरी बख्तियारपुर में लालू यादव की पार्टी के प्रत्याशी ज़फर आलम ने नितीश के प्रत्याशी डॉ अरुण कुमार को तगड़ी पटखनी दे डाली है। वही धरौन्धा से निर्दल प्रत्याशी व्यास सिंह ने नितीश के प्रत्याशी को पटखनी दे डाली है।
नाथ नगर में थोडा नितीश कुमार को राहत महसूस हुई होगी जब लालू यादव की प्रत्याशी राबिया को नितीश के प्रत्याशी ने पटखनी देकर खाता खुलवाया। मगर बेलहर में नितीश के प्रत्याशी लालधारी यादव को लालू के प्रत्याशी रामदेव यादव ने पटखनी देकर सीट सुरक्षित किया। ये उपचुनाव कही न कही से नितीश कुमार को बड़े संकेत दे रहा है।