हेमंत सोरेन ने पद ग्रहण करते ही किया बड़ा फैसला, पत्थलगडी आन्दोलन से सम्बंधित मुक़दमे होंगे वापस
अनिल कुमार
रांची: हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद ही अपनी पहली कैबिनेट बैठक में दो साल पहले पत्थलगड़ी को लेकर हुए आंदोलन के दौरान दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया। इसके साथ-साथ राज्य के पारा शिक्षकों एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं समेत सभी अनुबंधकर्मियों के बकाये का जल्द से जल्द भुगतान किये जाने का भी फैसला लिया है।
झारखंड के मंत्रिमंडल सचिव अजय कुमार सिंह मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक रविवार को सचिवालय में हुई। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन का विरोध करने तथा पत्थलगड़ी करने के संबंध में दर्ज किए गए मामले वापस लेने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी और संबद्ध अधिकारियों को तदनुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध करने के फलस्वरूप तथा पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया तथा तदनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। @HemantSorenJMM
— IPRD Jharkhand (@prdjharkhand) December 29, 2019
इसके अलावा राज्य सरकार ने महिलाओं तथा नाबालिगों के यौन उत्पीड़न एवं उनके खिलाफ अन्य अपराधों के बारे में सुनवाई करने के लिए हर जिले में त्वरित अदालत के गठन का निर्णय लिया और इस उद्देश्य से न्यायिक अधिकारियों के आवश्यक पदों के सृजन का भी फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल ने निर्देश दिया कि सभी जिले के उपायुक्त विभिन्न प्रकार के अनुबंध कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, विभिन्न श्रेणियों के पेंशन भोगियों, सभी प्रकार की छात्रवृत्तियों के लाभार्थियों एवं पारा शिक्षकों से संबंधित सभी लंबित भुगतान पूर्ण कराने के लिए प्रखंड तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर कार्रवाई करें।
मंत्रिमंडल में यह भी फैसला किया गया कि सभी उपायुक्त यथाशीघ्र अपने-अपने जिलों में गरीब एवं पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल और ऊनी टोपी वितरण का कार्य संपन्न कराएं। साथ ही जाड़े से राहत के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाय।