सौतेली माँ, ज़ालिम बाप- सौतेली माँ ने मासूम बच्ची का गला दबा कर किया हत्या, ज़ालिम बाप ने घर में गाड दिया था लाश
मो0 आसिफ
बरेली। सौतेली माँ के ज़ुल्म आपने पहले भी बहुत सुने होंगे। लेकिन सौतेलापन इस हद तक पहुच जाए की एक माँ ही हत्यारन बन जाए तो इसको कलयुग कह सकते है। मगर एक बाप इतना बड़ा ज़ालिम बन जाए जो अपनी उस मासूम बच्ची की लाश को अपनी दूसरी बीबी के कहने पर और उसको बचाने के लिए घर में ही गाड दे तो इसको ज़ुल्म की इन्तहा ही कहा जायेगा।
ऐसा ही कुछ हुआ इज्ज़तनगर थाना क्षेत्र के आलोक नगर में। आलोक नगर में रहने वाले नगर निगम के कर्मी रवि की पहली पत्नी बबली का देहांत आज से लगभग 7 साल पहले हो चुका है। बबली से उसको दो बेटियां है। रवि ने पहली पत्नी के मरने के बाद अपनी दूसरी शादी ऋतू से किया। शादी के बाद रवि की बड़ी बेटी संध्या (11) गाँव में रहने लगी जबकि छोटी बेटी काजल (7वर्ष) अपनी दादी और सौतेली माँ के साथ ही रहती थी। काजल की दादी के अनुसार अक्सर ऋतू अपना सौतेलापन काजल के साथ दिखाती थी और अकारण अथवा छोटी छोटी बातो पर उसकी पिटाई कर देती थी।
इसी दरमियान एक रोज़ उसने काजल की पिटाई करके उसका गला दबा दिया जिससे काजल की मौत हो गई। काजल के मरने के बाद ऋतू ने अपनी पति को घटना की जानकारी दिया और रवि ने काजल के शव को उस जगह दफन कर दिया जहा वह गाय बंधता था। रवि के इस कृत्य का उसकी माँ यानी काजल की दादी ने विरोध किया, मगर रवि नही माना। इसके बाद काजल की दादी ने इस घटना की जानकारी अपने पड़ोसियों को दिया। किसी ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को प्रदान कर दिया।
पुलिस रवि और ऋतू को अपनी हिरासत में लेकर थाने गई तथा कड़ाई से पूछताछ किया तो रवि और ऋतू दोनों टूट गए तथा पुलिस को सभी घटना बताया। घटना को जानकार पुलिस कर्मी भी सकते में रह गए कि माँ तो चलो सौतेली थी। मगर बाप कैसा ज़ालिम था कि उसको अपनी मासूम बेटी की मुहब्बत तक नही आई और उसने ऐसे घटना को छुपाने में ऋतू का साथ दिया। पुलिस ने रवि के निशानदेही पर खुदाई करवा कर काजल की लाश को बरामद कर लिया है और कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस ने रवि और ऋतू को हिरासत में लेकर क़ानूनी कार्यवाही शुरू कर दिया है। वही काजल की दादी ने इस बात की पुष्टि किया है कि उसकी सौतेली माँ काजल पर अत्याचार करती थी। वह अकारण और बात बात पर काजल को पीटा करती थी। मामले को लेकर क्षेत्र में सनसनी का माहोल है।