आइए जाने कब करना है अष्टमी और नवमी का व्रत
बापू नंदन मिश्र
मऊ मातृ शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि प्रारम्भ हो चुका है। नौ दिनों के नवरात्रि में लोग व्रत कर अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन व विशेष अनुष्ठान के साथ ब्रत का समापन करते हैं। नवरात्रि 17 अक्टबर 2020दिन शनिवार से शुरू हुआ है । नौ दिनों तक चलने वाले व्रत के बाद दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार नवमी और दशहरा एक ही दिन है। इसके कारण नवमी पूजन और अष्टमी के व्रत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है ।
ज्ञानोदय संस्कृत महाविद्यालय कमलसागर मऊ के प्राचार्य डॉ विद्या भूषण मिश्र ने बताया कि महाष्टमी की महानिशापूजा 23 अक्टूबर 2020 दिन शुक्रवार को निशीथ काल मे सम्पन्न होगी ।जब की उदया तिथि के कारण महाष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर 2020 दिन शनिवार को रखा जाएगा। इसके अलावा महानवमी 25 अक्टूबर 2020 दिन रविवार को मनाई जाएगी। इसी दिन नवमी रविवार को ही दिन में 11:14 बजे तक नवरात्रि व्रत अनुष्ठान से सम्बंधित यज्ञ- हवन, कन्या पूजन किया जाएगा।
जो लोग प्रथम और अंतिम नवरात्र का व्रत रखते हैं वे लोग 24 अक्टूबर शनिवार को ही अष्टमी का व्रत रखेंगे और 25 अक्टूबर रविवार को नवमी के दिन कन्या पूजन करेंगे। 25 अक्टूबर को ही अपरान्ह दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। नवरात्र व्रत का पारण 25 अक्टूबर को ही यज्ञ-हवन आदि से निवृत होकर 11बजकर 14 मिनट के बाद किया जा सकता है।अष्टमी , नवमी व दशमी तिथि का निर्णय इस प्रकार है-
महाष्टमी की निशापूजा: 23 अक्टूबर 2020 दिन शुक्रवार निशीथ काल
महाष्टमी का व्रत: 24 अक्टूबर 2020 दिन शनिवार,
अष्टमी-नवमी की संधि पूजा 24 अक्टूबर को दिन में11:03 से 11:51 बजे तक।
नवरात्रि व्रत कन्या पूजन: 25 अक्टूबर 2020 दिन रविवार को ही दिन में 11:14 बजे तक ।
विजयदशमी 25 अक्टूबर 2020 दिन रविवार अपरान्ह काल ।(उदया श्रवण युक्त)