पर्यटकों संग डीडी दुधवा ने लिया थारू थाली के भोजन का आनंद, पर्यटकों ने थारू थाली की जमकर की सराहना
फारुख हुसैन
पलियाकलां-खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व ने पर्यटन को बढावा देने व पर्यटकों को थारू संस्कृति से अवगत कराने के उदे्श्य से शनिवार से एक नई पहल की शुरूआत कर दी है। जिसमें दुधवा भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों की डिमांड पर थारू थाली परोसी गई। जिसमें बलेरा इको विकास समिति की सदस्या थारू जनजाति की महिलाओं के हांथ का शुद्ध व ताजा भोजन परोसा गया।
दुधवा टाइगर रिजर्व के डीडी मनोज सोनकर ने इसकी शुरूआत शनिवार को दुधवा पर्यटन परिसर में कराई। जिसमें उन्होंने पर्यटकों के साथ स्वयं भोजन खाकर देखा और थारू थाली की सराहना की। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि दुधवा नेशनल पार्क में घूमने आने वाले पर्यटकों को इको विकास समिति की तरफ से थारुओं का विशिष्ट भोजन परोसने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है। जिसकी शुरूआत आज से कर दी गई है। शनिवार को बलेरा महिला ईको समिति की सदस्या रामकुमारी, कल्लिया, राधा व पार्वती द्वारा भोजन तैयार किया गया।
शनिवार को पर्यटकों के लिए एक थाली तीन तरह की रोटी, तीन तरह के चावल, चार तरह की सब्जी एक दाल व मिट्टी की हंडियां का गर्म दूध परोसा गया। इको समिति के द्वारा एक थारू थाली की कीमत 250 रुपये रखी गई है। दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायेरेक्टर मनोज सोनकर ने बताया कि प्रथम दिन 17 थारू थालियों की बुकिंग हुई। पर्यटकों ने भोजन का आनंद लिया व भोजन की प्रशंसा की है। थारू थाली की शुरूआत करने का मकसद दुधवा आने वाले पर्यटकों को थारू संस्कृति व उसके व्यंजनों को अवगत कराने का है। जिससे आदिवासी थारु जनजाति की महिलाओं को रोजगार का अवसर तो मिलेगा ही वह आर्थिक रूप से भी मजबूत हो सकेंगी। इस दौरान डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी चंदन मिश्रा, सहायक परियोजना राधेश्याम भार्गव व रेंजर मौजूद रहे।
पहले दिन थारू थाली का यह रहा मेन्यू
शनिवार को पर्यटकों को पहले दिन एक थारू थाली में केले के पत्ते पर मिसौला (मीठा चावल), सादा चावल, कतरा, अरबी की सब्जी, लौकी आलू की सब्जी, सरसों का साग, दाल, माढ़ चावल, एक बेसन की रोटी, एक चावल की रोटी व एक गेहूं की रोटी व कुल्हड़ में मेवे वाला गर्म दूध परोसा गया।