ज्यादा कमाने के चक्कर में प्राइवेट स्कूली वैन जानवरो की तरह ढो रही है बच्चे
अभिभावको से मनमाफिक किराया लेने के बावजूद भी वैन में स्कूली बच्चों को ऐसे भरते है जैसे भूसा भर रहे हो वैन में घर पहुचते पहुचते बच्चे अधमरे से हो जाते है यहाँ तक तो कई बच्चे हॉस्पिटल तक पहुच चुके है इस बारे में अभिभावको ने कई बार स्कूल के मैनेजमेंट से वैन मालिको की शिकायत की लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और ना ही पुलिस प्रशासन ने भी स्कूली वैन मालिको के खिलाफ अभी तक कोई भी क़ानूनी कार्यवाही नहीं की है वही अभिभावको का आरोप है की स्कूल वाले इन वैन मालिको से कमीशन लेते है इसलिए इन लोगो पर कार्यवाही करने से कतराते है मजे की बात तो ये है की बच्चों से भरी कई वैन रोज़ाना कई चौराहो से गुज़रती है जहा हर वक़्त पुलिस तैनात रहती है क्या किसी भी पुलिस वाले की नज़र इन स्कूली बच्चों से ठुसी वैनों पर नहीं पड़ी है या फिर चोर-चोर मौसेरे भाई बहरहाल बात कुछ भी हो अगर प्रशासन इन वैन मालिको पर लगाम ना लगाई और इन प्रतिष्ठित स्कूलो के खिलाफ कोई ठोस कदम ना उठाया तो प्रशासन किसी बड़ी घटना की जवाब देही के लिए तैयार रहे