उर्सला के बर्न वार्ड में गर्मी में तड़पते हैं मरीज

कानपुर। अमन खान व दिग्विजय सिंह। भीषण गर्मी में आगजनी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। फिर भी सरकारी अस्पतालों में आग से झुलसे लोगों के इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। देखरेख के अभाव में उपलब्ध सुविधाएं दम तोड़ रही हैं। मंगलवार को जागरण टीम ने उर्सला के बर्न वार्ड का जायजा लिया। भीषण गर्मी में वार्ड के सभी एसी काम नहीं कर रहे थे। कुछ पंखे भी खराब थे। गर्मी से तड़पते मरीजों को परिजन हाथ पंखे से राहत देने की कोशिश कर रहे थे।

उर्सला अस्पताल में 14 बेड का बर्न वार्ड है। इसमें झुलसे मरीज भर्ती किए जाते हैं। मरीजों को जलन से राहत देने को दस एसी लगे हैं। इसमें से दो एसी काम नहीं कर रहे हैं, जो काम कर रहे हैं वह कूलिंग ठीक से नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा वार्ड के कई पंखे खराब हैं जो चल नहीं रहे हैं। वहां तैनात कर्मचारियों का कहना था कि सभी एसी ठीक हैं, जबकि एक पंखा बनने के लिए गया है। मंगलवार को वार्ड में दस मरीज भर्ती थे। बेड 6 पर सोमवार को लक्ष्मी बिल्डिंग निवासी मो. आरिफ भर्ती हुए हैं। उनके केबिन का एसी खराब था। पंखा भी काम नहीं कर रहा था। उनके घाव में काफी जलन हो रही थी। गर्मी में घावों में हो रही जलन से राहत देने के लिए उनकी पत्‍‌नी पंखा डुलाकर राहत देने की कोशिश कर रही थीं। उनके बगल में बेड 7 पर कृष्णा नगर निवासी गौरव भर्ती थे। उनकी बहन आरती एवं भाई विजय ने बताया कि न एसी काम कर रहा है और न ही पंखा। गर्मी से बुरा हाल है। भाई के घावों में जलन होने पर वह तड़प कर रह जाता है। इसी तरह बेड 13 पर घाटमपुर निवासी राधा भर्ती थी। उन्होंने बताया कि एसी काम नहीं कर रहा है। गर्मी से जलन हो रही है। इस पर कर्मचारी डांटने लगे। जब जाकर देखा तो एसी खराब पड़ा था।
देखने नहीं आते डॉक्टर
बर्न वार्ड के प्रभारी डॉ. सुरेंद्र बाबू हैं। मरीजों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि वह देखने नहीं आते हैं। सिस्टर अपने हिसाब से दवाएं देती हैं।
वार्ड में नहीं रहते कर्मचारी
वार्ड में सिस्टर एवं कर्मचारियों के बैठने की कुर्सियां लगी हैं। वहां कोई नहीं बैठता है। जागरण टीम जब वहां पहुंची तो एक महिला सो रही थी। मरीजों ने बताया कि सिस्टर वार्ड में न बैठकर बाहर स्थित कक्ष में बैठती हैं।
बाहर से मंगाई जाती हैं दवाएं
मरीजों के परिजनों का कहना था कि महंगी दवाएं अस्पताल से नहीं मिलती हैं। डॉक्टर बाहर की दवाएं ही लिखते हैं। मजबूरी में खरीदनी पड़ती हैं।
बोले जिम्मेदार
लगातार अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। बर्न वार्ड के सभी एसी व पंखे ठीक कराए थे। अगर किसी में खराबी आ गई है तो उन्हें बुधवार को ठीक कराया जाएगा। मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। बाहर से दवा लिखने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. संजीव कुमार, कार्यवाहक निदेशक, उर्सला अस्पताल।

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