लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये नवीन शस्त्र लाइसेन्स स्वीकृत करने के निर्देश
लखनऊ-
28 फरवरी – मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में नवीन शस्त्र लाइसेन्स स्वीकृत करने एवं नवीनीकरण हेतु निर्णय लिया गया है जिसके अन्तर्गत अनिषिध बोर( एन.पी.बीे) के शस्त्रों के लाइसेसिंग प्राधिकारी जिला मजिस्ट्रेट होगे जबकि निषिद्ध बोर(पी.बीे) के शस्त्र लाइसेन्स हेतु सक्षम स्तर ग्रह मंत्रालय भारत सरकार है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा अनिषिध बोर( एन.पी.बीे) का प्रथम शस्त्र लाइसेन्स प्राप्त करने हेतु लाइसेसिंग प्राधिकारी जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जायेगा तो जिला मजिस्ट्रेट द्वारा वर्तमान में निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रथम शस्त्र लाइसेन्स दिये जाने के संबंध में निर्णय जायेगा।
विशेष सचिव उ.प्र. शासन द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास अनिषिद्व बोर( एन.पी.बीे) अथवा निषिद्व बोर (पी.बीे) शस्त्र का एक लाइसेन्स है और वह दूसरा लाइसेन्स स्वीकृत करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करता है तो उस व्यक्ति को द्वितीय लाइसेन्स मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समति की सहमति के उपरान्त ही जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एन.पी. बोर का लाइसेन्स होने की स्थिति में लाइसेन्स स्वीकृत किया जायेगा तथा (पी.बीे) का लाइसेन्स होने की दाा में अग्रिम कार्यवाही हेतु स्पट संस्तुति सहित प्रस्ताव शासन को भेजा जायेगा। यदि किसी व्यक्ति के पास 02 शस्त्र लाइसेन्स है और वह तीसरा लाइसेन्स प्राप्त करने हेतु आवेदन करता है तो उस व्यक्ति को तीसरा लाइसेन्स मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से सचिव गृह विभाग को उ.प्र. शासन को भेजेगें तदुपरान्त शासन स्तर पर गठित समति की सहमति/अनुमोदन के उपरान्त ही जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एन.पी.बोर का लाइसेन्स होने की स्थिति मे प्रनगत लाइसेन्स स्वीकृत किया जायेगा तथा (पी.बीे.) का लाइसेन्स होने की स्थिति में शासन स्तर से प्रस्ताव को निर्णयार्थ भारत सरकार को सन्दर्भित किया जायेगा।
पत्र में दिये गये निर्देाो के क्रम में नया शास्त्र लाइसेन्स निर्गत किये जाने से पूर्व आवेदक के सभी फिंगर प्रिन्ट लिये जायेगे साथ ही आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा पूर्व से निर्गत शस्त्र लाइसेंसी के लाइसेन्सियों के फिंगर प्रिन्ट लाइसेन्स का नवीनीकरण करते समय लिये जायेगे साथ ही आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। 65 र्वा के अधिक आयु के लाइसेन्सधारियों को पूर्व में निर्गत शस्त्र लाइसेन्स के नवीनीकरण के समय मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त स्वस्थ्ता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि किसी आवेदक द्वारा रायफल के लाइसेन्स की मांग की जाती है तो निर्गत किये जाने की प्रक्रिया वही होगी जो तीसरा लाइसेन्स निर्गत किये जाने की निर्धारित है। नवीन शस्त्र लाइसेन्स निर्गत होने की तिथि से 6 माह में शस्त्र क्रय न किये जाने पर शस्त्र लाइसेन्स को निरस्त किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
लाइसेन्सी द्वारा कारतूस क्रय करने,रखने के संबंध में भी सीमा का निर्धारण किया गया है विोा कारणो से किसी अनुज्ञापी को अनुमन्य सीमा 25 कारतूस से अधिक की आवयकता होती है तो जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से शासन का अनुमोदन प्राप्त होने के उपरान्त ही शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक हटी। शस्त्र लाइसेंस जारी करने के निर्देश हुए जरी- मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में नवीन शस्त्र लाइसेन्स स्वीकृत करने एवं नवीनीकरण हेतु निर्णय लिया गया है जिसके अन्तर्गत अनिषिध बोर( एन.पी.बीे) के शस्त्रों के लाइसेसिंग प्राधिकारी जिला मजिस्ट्रेट होगे जबकि निषिद्ध बोर(पी.बीे) के शस्त्र लाइसेन्स हेतु सक्षम स्तर ग्रह मंत्रालय भारत सरकार है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा अनिषिध बोर( एन.पी.बीे) का प्रथम शस्त्र लाइसेन्स प्राप्त करने हेतु लाइसेसिंग प्राधिकारी जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जायेगा तो जिला मजिस्ट्रेट द्वारा वर्तमान में निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रथम शस्त्र लाइसेन्स दिये जाने के संबंध में निर्णय जायेगा।
विशेष सचिव उ.प्र. शासन द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास अनिषिद्व बोर( एन.पी.बीे) अथवा निषिद्व बोर (पी.बीे) शस्त्र का एक लाइसेन्स है और वह दूसरा लाइसेन्स स्वीकृत करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करता है तो उस व्यक्ति को द्वितीय लाइसेन्स मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समति की सहमति के उपरान्त ही जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एन.पी. बोर का लाइसेन्स होने की स्थिति में लाइसेन्स स्वीकृत किया जायेगा तथा (पी.बीे) का लाइसेन्स होने की दाा में अग्रिम कार्यवाही हेतु स्पट संस्तुति सहित प्रस्ताव शासन को भेजा जायेगा। यदि किसी व्यक्ति के पास 02 शस्त्र लाइसेन्स है और वह तीसरा लाइसेन्स प्राप्त करने हेतु आवेदन करता है तो उस व्यक्ति को तीसरा लाइसेन्स मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से सचिव गृह विभाग को उ.प्र. शासन को भेजेगें तदुपरान्त शासन स्तर पर गठित समति की सहमति/अनुमोदन के उपरान्त ही जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एन.पी.बोर का लाइसेन्स होने की स्थिति मे प्रनगत लाइसेन्स स्वीकृत किया जायेगा तथा (पी.बीे.) का लाइसेन्स होने की स्थिति में शासन स्तर से प्रस्ताव को निर्णयार्थ भारत सरकार को सन्दर्भित किया जायेगा।
पत्र में दिये गये निर्देाो के क्रम में नया शास्त्र लाइसेन्स निर्गत किये जाने से पूर्व आवेदक के सभी फिंगर प्रिन्ट लिये जायेगे साथ ही आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा पूर्व से निर्गत शस्त्र लाइसेंसी के लाइसेन्सियों के फिंगर प्रिन्ट लाइसेन्स का नवीनीकरण करते समय लिये जायेगे साथ ही आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। 65 र्वा के अधिक आयु के लाइसेन्सधारियों को पूर्व में निर्गत शस्त्र लाइसेन्स के नवीनीकरण के समय मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त स्वस्थ्ता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि किसी आवेदक द्वारा रायफल के लाइसेन्स की मांग की जाती है तो निर्गत किये जाने की प्रक्रिया वही होगी जो तीसरा लाइसेन्स निर्गत किये जाने की निर्धारित है। नवीन शस्त्र लाइसेन्स निर्गत होने की तिथि से 6 माह में शस्त्र क्रय न किये जाने पर शस्त्र लाइसेन्स को निरस्त किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
लाइसेन्सी द्वारा कारतूस क्रय करने,रखने के संबंध में भी सीमा का निर्धारण किया गया है विोा कारणो से किसी अनुज्ञापी को अनुमन्य सीमा 25 कारतूस से अधिक की आवयकता होती है तो जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से शासन का अनुमोदन प्राप्त होने के उपरान्त ही उक्त सीमा को बढ़ाया जायेगा। क्रय किये गये कारतूसो का दुरूपयोग लाइसेन्सी द्वारा नहीं किया गया है इसे चैक करने के लिए कारतूस क्रय करते समय लाइसेन्सी को खर्च किये गये कारतूसों के कम से कम 80 प्रतिशत खोखो को शस्त्र व्यवसायी के पास जमा करना होगा। सीमा को बढ़ाया जायेगा। क्रय किये गये कारतूसो का दुरूपयोग लाइसेन्सी द्वारा नहीं किया गया है इसे चैक करने के लिए कारतूस क्रय करते समय लाइसेन्सी को खर्च किये गये कारतूसों के कम से कम 80 प्रतिशत खोखो को शस्त्र व्यवसायी के पास जमा करना होगा