बारिश ने फेरा किसानो के अरमानो पर पानी, हो सकती है रवि के फसलो की बुवाई में देरी
बापूनंदन मिश्र
रतनपुरा (मऊ). पिछली रात्रि से ही हो रही बरसात शुक्रवार को पूरे दिन जारी रही। जिसके कारण चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देने लगा। उतरते मानसून से होने वाली इस बरसात ने आम जन के साथ-साथ किसानों को भी काफी परेशानी में डाल दिया। अगैती धान की फसल जो खेतों में पक कर लगभग तैयार है। जिसकी कटाई के बारे में किसान सोच रहे थे। आज की बरसात ने उनके अरमानों पर जैसे तुषारापात कर दिया।
मूसलाधार बरसात के कारण खेत पूरी तरह जलमग्न हैं। जिसके कारण धान की पकी फसल को काट कर घरों तक लाना टेढ़ी खीर साबित होगा। इसके लिए मजदूरों का मिलना मुश्किल तो हार्वेस्टर का मिल पाना नामुमकिन, कुल मिलाकर इस बरसात ने किसानों को असमंजस में डाल दिया है। आखिर तैयार फसल को घरों तक सुरक्षित लाने के लिए कौन सी युक्ति लगाई जाय। वहीं धान की जिन फसलों में रेड़े निकल रहे हैं, या बालियां फूट रहीं हैं तथा उनमें फूल आने लगे हैं तेज हवा के एवं बरसात के कारण फूलों के झड़ने से उनमें दाने के पड़ने की संभावना न के बराबर है। साथ ही उनमें की बालियों में लेंढ़ा रोग लगने की आशंका बढ़ गई है।
रवि की फसलों की बुवाई में विलंब की बढ़ी आशंका
कुछ किसानों का यह भी कहना है कि इस बरसात के कारण खेतों में इतना ज्यादा पानी जमा हो गया है कि उनके सूखने में महीनों लग जाएगा। ऐसे में आलू, सरसों, मटर, चना एवं सब्जियों की बुवाई में विलंब होने की आशंका बढ़ गई है। किसानों का यह भी मानना है कि इस बरसात से धान की फसल के नुकसान के साथ-साथ रवि की फसलों की बुवाई में देर होने से उनके ऊपर दोहरी मार पड़ेगी।
बाजार रहे वीरान
रात्रि से ही हो रही बरसात आज पूरे दिन चलती रही।कभी मध्यम तो कभी तीव्र वेग से हो रही बरसात के कारण लोगों का घरों से निकलना अत्यंत कठिन हो गया था।सड़कों पर दिखने वाली भींड़ गायब थी तो हमेशा गुलजार रहने वाले बाजारों में पूरी तरह वीरानगी छाई रही। पहसा, चकरा, हलधरपुर सहित क्षेत्र के तमाम बाजारों में दुकानदार मायूस दिखे ।तो बरसात के कारण बहुत से दुकानदारों ने अपनी दुकाने बंद कर घरों पर रहना मुनासिब समझा। शुक्रवार की बरसात का रुख देख परेशान किसानों के बात की चिंता सता रही है कि महँगें, खाद -बीज, उर्वरक तथा महँगीं मजदूरी देकर लगाई गई धान की फसल इस बरसात से चौपट हुई तो उसकी भरपाई हो पाना मुश्किल है।