कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन मंच के पीछे मिला युवक का शव, बर्बर तरीके से हुई युवक की हत्या, भाजपा आईटी सेल हुई राकेश टिकैत पर हमलावर
तारिक़ खान / शाहीन बनारसी
डेस्क। हरियाणा के सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर एक युवक की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई है। तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर चल रहे धरना स्थल की मुख्य स्टेज के पीछे बैरिकेड पर एक व्यक्ति का शव बंधा मिला है। उसकी नृशंस तरीके से पिटाई करने के साथ ही दाहिना हाथ काटकर मारा गया है। उसे घसीटा भी गया है। मृतक की पहचान पंजाब के तरनतारन जिले के गांव चीमा खुर्द निवासी 35 वर्षीय लखबीर सिंह पुत्र हरनाम सिंह के तौर पर हुई है। वह तीन बेटियों का पिता था। फिलहाल उसकी पत्नी बेटियों सहित लखबीर से अलग रह रही है। पता लगा है कि लखबीर सिंह जब 6 माह का था तो हरनाम सिंह ने उसे गोद लिया था, जबकि रिश्ते में हरनाम सिंह उसके फूफा हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
युवक का शव हरियाणा के सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर मुख्य स्टेज के पीछे बैरिकेड पर बंधा मिला है। युवक का दाहिना हाथ बाजू से काटकर शव के साथ ही बांधा गया है। व्यक्ति के दोनों हाथों को बैरिकेड से रस्सी से बांधकर लटकाया गया है। आरोप है कि धरना स्थल पर ही कुछ लोगों ने घटना को अंजाम दिया है। लोगों ने शव को देखकर पूरे मामले से पुलिस को अवगत कराया। कुंडली बॉर्डर पर हत्या की सूचना के बाद कुंडली थाना पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां पर निहंगों ने हंगामा कर दिया। शव को उतारने नहीं दिया जा रहा था। बाद में किसान नेताओं ने आकर शव को उतरवाया। शव को सामान्य अस्पताल में भेजा गया है। शव अर्धनग्न था और केवल सफेद पायजामा पहने था।
भाजपा की आईटी सेल हुई राकेश टिकैत पर हमलावर
भाजपा के आइटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कुंडली बॉर्डर पर हुई युवक की हत्या के बाद किसान नेता राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर योगेंद्र यादव के बगल में बठैकर राकेश टिकैत लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को सही न ठहराते तो आज सिंघु बार्डर पर युवक की इस तरह से हत्या न होती। उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे फैलाई जा रही अराजकता को बेनकाब करने की जरूरत है।
क्या बोले थे राकेश टिकैत लखीमपुर हिंसा पर
लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के बाद आक्रोशित भीड़ ने भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीट कर मार डाला था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता किसानों का विरोध करने लगे थे। कई जगह यह भी मांग उठने लगी कि लोगों की पहचान कर उनपर भी हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि वह इसे मॉब लिंचिंग नहीं मानते यह सिर्फ क्रिया की प्रतिक्रिया है।