शाइन सिटी ठगी प्रकरण : पांच लाख का इनामिया आसिफ नसीम आखिर चढ़ ही गया पुलिस के हत्थे, वाराणसी पुलिस कमिश्नर के बड़े प्रयास से टूटी इस सिंडिकेट की कमर

तारिक आज़मी

वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के अथक प्रयास ने शाइन सिटी के ठगी सिंडिकेट की कमर तोड़ डाली थी। आज अंततः शाइन सिटी का एमडी पांच लाख का इनामिया शातिर आर्थिक अपराधी आसिफ नसीम लखनऊ क्राइम ब्रांच के हत्थे पड़ ही गया। आसिफ नसीम को क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज स्थित उसके करैली आवास से गिरफ्तार किया है। अरबों के घोटाले के आरोपी जिस आसिफ नसीम को पुलिस पूरे देश में खोज रही थी वह प्रयागराज में घूम रहा था।

गौरतलब हो कि आसिफ नसीम के खिलाफ 300 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मामले को बढ़ते देख यूपी सरकार ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी थी। क्राइम ब्रांच गिरफ्तार कर उसे लखनऊ ले गई। आसिफ नसीम के खिलाफ गोमतीनगर में दर्ज 80 मुकदमों में कोर्ट से कुर्की का आदेश जारी हो चुका है। अब आशा इस बात की बढ़ गई है कि आसिफ नसीम के भाई और कंपनी का सीएमडी राशिद नसीम का सुराग पुलिस को आसिफ नसीम के माध्यम से लग जायेगा।

बताते चले कि इस कंपनी में काम करने वाले ब्रिजेश केसरवानी ने कुछ माह पहले एक संगठन बनाकर कानूनी लड़ाई शुरू किया था। इस सम्बन्ध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक रिट दाखिल कर 60 हजार करोड़ की ठगी का आरोप लगाया गया था। इस मामले में सीएमडी राशिद नसीम, उसका भाई और एमडी आसिफ नसीम, राशिद नसीम की पत्नी सहित 57 कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर केस दर्ज हैं।

शातिर आर्थिक अपराधी है राशिद नसीम

रोज़ सुबह सुबह अपने एजेंटो और गुर्गो को “गुड मोरअर्निंग” कहकर अपना वौइस् मैसेज भेजने वाला राशिद नसीम एक निजी इन्शुरन्स कंपनी में करोपोरेट एजेंट हुआ करता था। यहाँ कार्यरत कर्मचारियों और अन्य के साथ मिलकर इसने शाइन सिटी कंपनी का निर्माण किया और अपने भाई आसिफ नसीम को 49 फीसद शेयर दिया। जानकार बताते है कि दोनों भाइयो ने मिलकर सस्ता मकान, टूर, सस्ता सोना, ज़मीन, सस्ते वाहन आदि का झांसा देकर आम जनता के करोडो ठग लिया। ठगी के बाद राशिद नसीम और उसका भाई भारत छोड़ कर फरार हो गए।

इस दरमियान राशिद नसीम एक मामले में नेपाल में गिरफ्तार भी हुआ था। नेपाल में गिरफ़्तारी के बाद वहा से जमानत पर छुटा राशिद नसीम अपने परिवार के साथ अपने आकाओं के शरण में दुबई चला गया। इस दरमियान वह सोशल मीडिया के सहारे अपने गुर्गो से आम जनता का धन ठगी करने का काम जारी रखे हुवे है। इसके ऊपर मुक़दमे दर्ज होने के बाद भी पुलिस शिथिलता दिखा रही थी। इस दरमियान केवल एक बड़ी गिरफ़्तारी अमिताभ श्रीवास्तव की हुई जिसको कैंट पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

मामला हाई कोर्ट में पंहुचा तो हाई कोर्ट सख्त हुआ। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस मामले में सख्ती दिखाना शुरू की। जिसके बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश की रणनीति सफल रही और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने कई बड़ी कामयाबी हासिल किया और गिरफ्तारियाँ किया। पुलिस को आसिफ नसीम और राशिद नसीम की तलाश थी। दोनों शातिर आर्थिक अपराधियों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित हुआ। अब आसिफ नसीम के पकडे जाने के बाद राशिद नसीम का सुराग मिलने की संभावना बढ़ने लगी है।

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