विवाद-ए-हसनपुरा: दौलत के जोर पर गरीब को दबाना पड़ा मुन्ना खान को भारी, पहुची नगर निगम टीम तो खुद का उनका मकान भी मिला नगर निगम की ज़मीन पर
शाहीन बनारसी
वाराणसी। वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र के हसनपुरा स्थित मुन्ना खान और उनके पडोसी का संपत्ति को लेकर विवाद आज फिर एक बार खड़ा हो गया। एक सप्ताह पूर्व के करीब इसी संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था जिसका निस्तारण क्षेत्र के सरदार महतो ने मिल कर कर दिया था। निस्तारण के बाद दोनों पक्षों में सुलहनामा भी तैयार हुआ था और एक तरफ जहा मुन्ना खान ने अपने मकान में खिड़की दरवाज़े का निर्माण करवाया वही दुसरे पक्ष ने भी अपने कथित हिस्से का निर्माण करवाना शुरू कर दिया था।
मगर कहा जाता है कि अमीरों की कोठी के नीचे काफी गरीबो की सिसकियाँ भी अक्सर देखने को मिलती है। एक तरफ मुन्ना खान के पास दौलत का हुजूम दुसरे तरफ पडोसी के पास गरीबी का जूनून। पडोसी गरीब कैसे अपने कथित हिस्से पर निर्माण करवा रहा है इसको हज़म करना शायद मुश्किल हो रहा था। आखिर मुन्ना खान पहुच गए नगर निगम कि जिस ज़मीन पर निर्माण हो रहा है वह ज़मीन नगर निगम की है। नगर निगम को शिकायतों का पिटारा देकर मुन्ना खान इस निर्माण को रुकवाने के लिए अपने जी तोड़ कोशिश कर बैठे।
आज सोमवार की अहल-ए-सुबह नगर निगम का प्रवर्तन दल कानूनगो के साथ मौके पर आ गया। मामला चौड़ा होने लगा और प्रकरण में मोहल्ले के संभ्रांत लोगो को भी इस बात का आघात हुआ कि किसी प्रकरण का निस्तारण जब मोहल्ले के लोगो द्वारा हो गया था। फिर दुबारा मामला कैसे उठा। प्रकरण जमकर मौके पर विवाद पैदा कर रहा था। उधर नगर निगम अपनी जगह कायम रहा कि मुझको अपने जगह से मतलब है। आखिर फैसला हुआ कि नगर निगम अपनी गली की माप करेगा। नगर निगम ने अपना नक्शा निकाला और गली की नाप चालू किया। नापी होती है। गरीब पडोसी जिस संपत्ति को अपनी बता रहा था वह संपत्ति आधी से अधिक नगर निगम की निकली।
मगर इसके साथ जो हुआ उसको शायद इन्साफ ही कहेगे। नाप गली की होने के बाद मालूम चला कि मुन्ना खान का खुद का मकान जिस भी चार फुट चौड़ा और लगभग 20 फुट लम्बा नगर निगम की ज़मीन पर कायम है। तीन फ्लोर आलिशान तरीके से बनवा चुके मुन्ना खान का खुद का भवन ही नगर निगम की ज़मीन पर निकलने के बाद खान साहब की आवाज़ थोडा नही जमकर मद्धम हो गई। लगभग 80 वर्ग फिट जगह का निर्माण पर नगर निगम ने अपना निशान उनके हिस्से पर लगाया और लगभग 80 वर्ग फिट की जगह पर कच्चे निर्माण का निशान विपक्ष की जगह पर लगा।
इसको कहते है गए थे नमाज़ बक्श्वाने रोज़ा साथ में मिल गया। नगर निगम ने पूरी इमानदारी दिखाई और जो नियम गरीब पर लागू हुआ वही नियम दौलत पर भी लागू हो गया। नगर निगम के कर्मियों द्वारा दिखाई गई इमानदारी की चर्चा पुरे इलाके में हो रही है। चाय पान की दुकानों पर प्रकरण जमकर हंसी का सबब बन रहा है। जिस गरीब का निर्माण ध्वस्त होना है अब वह लगभग 20 हज़ार के निर्माण सामग्री का नुक्सान सह रहा है। वही जिस अमीर का महल गिर रहा है वह अमीर लाखो के झटके में आ रहा है। इसको कहते है कुदरत का इन्साफ। मोहल्ले के लोग भी खुश है और ख़ास तौर पर बच्चे खुश है कि चौड़ी जगह निकलेगी और क्रिकेट खेला जायेगा।