Morbatiyan
-
दालमंडी चौडीकरण प्रकरण पर तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: बात ये नहीं कि माल और होटल खुलेंगे, यातायात सुगम होगा, सवाल ये है कि 10 हजार दुकानदारों और उनके कर्मचारियों की रोज़ी का क्या होगा?
तारिक आज़मी डेस्क: भैया देखो हम तो कहते है सफा कि हम न सपा की बात करते है और न…
Read More » -
तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: ‘नाना पाटेकर कहे रहे “एक मच्छर आदमी को हि### बना देता है’, गुरु ईहा बनारस में तो बहुते मच्छर हो गए है, नगर आयुक्त साहब मच्छर काट नाही रहे भकोट ले रहे है…! कछु करे साहेब
तारिक आज़मी डेस्क: एक तो रात भर मच्छर की भनभनाहट ने चैन से सोने न दिया। उस पर सुबह सुबह…
Read More » -
Maha Kumbh 2025 तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: मज़हबी सरहदों की बंदिशों के बावजूद भी, आई जब मुश्किलें तो मुस्लिमो ने ‘इलाहाबादियत’ को कायम रख लहराया ‘इंसानियत’ का परचम
तारिक आज़मी डेस्क: महाकुम्भ 2025 भव्य तरीके से जारी है। प्रयागराज की सरज़मी पर आयोजित होने वाले इस सबसे बड़े…
Read More » -
यौम-ए-जमहूरियत यानि गणतंत्र दिवस पर तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: ये हक है कि ‘संविधान का मतलब हमारी पहचान’, दुनिया कदमो में झुक जाती है प्रस्तावना का लफ्ज़ ‘हम भारत के लोग’ पढ़ कर
तारिक आज़मी पूरा मुल्क आज यौम-ए-जमहूरियत यानि गणतंत्र दिवस की खुशियों से सराबोर है। आज का ही वह दिन था…
Read More » -
तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: पापी पेट का सवाल है साहब, तभी तो उम्र गुज़र गई ज़हर बेचते-बेचते
तारिक आज़मी डेस्क: पेट की आग जब लगती है तो उसको बुझाने के लिए पानी नहीं बल्कि राशन चाहिए होता…
Read More » -
खिचड़ी पर तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: बनारस और बनारसियत को आज एक लफ्ज़ की कमी खल रही “भक्कटाअअअअअअअअअ”
तारिक आज़मी वाराणसी: खिचड़ी…. एक नाम सुनते के साथ ही बनारसी और बनारसियत का जज्बा दिल के अन्दर उमड़ पड़ता है।…
Read More » -
तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: नगर आयुक्त साहब पार्षद तो सुनिहे नाही, बेनिया स्थित कुरैशाबाद (चिकियाने) की गली आप ही ठीक करवा दे, रोज़ एक-दो ई-रिक्शा पलट जाता है
तारिक आज़मी वाराणसी: वाराणसी का स्मार्ट नगर निगम खुद को सुपर से भी दो तल्ला ऊपर का स्मार्ट होने का…
Read More » -
इश्क में मुस्लिम लड़की द्वारा हिन्दू लड़के से विवाह बना मीडिया में सुर्खियाँ और तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: बढ़िया हुआ मामला उल्टा नहीं था, वर्ना क़ाज़ी जी हवालात में होते
तारिक आज़मी डेस्क: किसी काबिल शहर के बज़्म का एक हिस्सा है कि ‘इश्क न जाने जात और पात, भूख…
Read More »