Morbatiyan
-
तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: उठनी थी डोली मगर उठ गई अर्थी, अनसुलझे सवालो के जवाब नही है सिगरा पुलिस और VDA के पास कि “सील भवन में कैसे हो रहा था निर्माण” क्योकि चुभने वाले हमारे सवाल सही है
तारिक़ आज़मी वाराणसी: वाराणसी विकास प्राधिकरण और जुगाड़ एक दुसरे के पर्यावाची होते जा रहे है। बिल्डरों और जेई के…
Read More » -
तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: मियाँ, नफरत का कारवाँ जिस दिन थम जाएगा, भीड़ के पाँव में दर्द बहुत होगा
तारिक़ आज़मी सुप्रीम कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मस्जिद के मामले सुनवाई किया। सुनवाई के दरमियान सुप्रीम कोर्ट ने कई मुद्दे…
Read More » -
सिर्फ सोते वक्त ही होते थे अलग, मुहब्बत और दोस्ती की बड़ी मिसाल “मुकेश और मुस्तफा” हुवे एक साथ दुनिया से रुखसत, ऐसी दोस्ती जिसे जानकर आपकी भी पलके हो जाएगी नम
तारिक़ आज़मी वाराणसी: एक तरफ जहा नफरते अपनी खेती करने को बेताब है। जहा देखो वह मंदिर मस्जिद के मुद्दों…
Read More » -
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: तहखानो से कोई राज़ निकले या न निकले, मगर मीडिया ने सनसनी निकाल दिया है, वैसे बनारस जी रहा है मस्ती के साथ अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी
तारिक़ आज़मी ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे आज दुसरे दिन भी हुआ। अगर समाचारों पर जो असली है ध्यान दे तो…
Read More » -
मदर्स डे पर तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: समझ नही आता गुरु कि सोशल मीडिया पर इतने माँ के चाहने वाले है तो फिर वृद्धाश्रम में किसकी माँ रहती है? कौन नुक्कड़ पर माँ को गाली दिया करता है ? ज़रा सोचे
तारिक़ आज़मी आज मदर्स डे है। पूरी दुनिया अपनी माँ से अपनी ममता को झलका रही है। बेशक मै हमेशा…
Read More » -
तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: दो हिन्दू बहनों द्वारा ईदगाह विस्तार हेतु दी गई करोडो की ज़मीन सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल नहीं, बल्कि बेटियों की बाप से मुहब्बत की मिसाल है, बेशक बेटियाँ अल्लाह की रहमत है
तारिक़ आज़मी उत्तराखंड की दो बहनों सरोज और अनीता ने अपने पिता बृजनंदन दास रस्तोगी की आखरी इच्छा के मुताबिक…
Read More » -
पत्रकार नग्न काण्ड पर तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: बेशक शर्मनाक है पुलिस की हरकत, मगर कानपुर प्रेस क्लब पर लगे आरोपों में अगर सत्यता है तो वो इससे भी ज्यादा शर्मनाक है
तारिक़ आज़मी कानपुर: जनपद के कानपुर आउटर पुलिस का कारनामा आज जग ज़ाहिर हो गया है। मध्य प्रदेश के सीधी…
Read More » -
तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: तुम नफरतो की तिजारत करते रहो, यहाँ मुहब्बत अपनी खुद जगह बना लेती है, देवा के अंतिम संस्कार हेतु सिर्फ पैसे ही नही बल्कि ताहिर, अनस, साबिर आदि ने अर्थी को कन्धा भी दिया
तारिक़ आज़मी कानपुर: स्थान था कानपुर के घंटाघर स्थित बाबूपुरवा। चार कंधो पर एक अर्थी थी। “राम नाम सत्य” है…
Read More »