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मियां वो दिन लद गये, अब ये हिमाकत कौन करता है ? वो क्या कहते थे उसको ? हाँ मुहब्बत….! कौन करता है ?

फारुख हुसैन यू तो न जाने कितनों सदियों से लोग एक दूसरे के सहायता करते नजर आ रहे हैं। कभी…

3 years ago

पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के आदेशो का पालन करने के लिए मेरी जान भी चली जाए, 32 क्या 320 मुक़दमे भी हो जाए तो भी मंज़ूर है : आदिल खान

ए0 जावेद वाराणसी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आदेश का पालन करने के लिए हमारी जान भी चली…

3 years ago

कानपुर में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत पर बोल शाहीन के लब आज़ाद है तेरे : साहब वो गरीब था न, गरीबो की कौन सुनता है

शाहीन बनारसी (इनपुट – आदिल अहमद) कानपुर के जितेन्द्र श्रीवास्तव की मौत हो गई। महज़ अपनी ज़िन्दगी के 25 सावन…

3 years ago

अरशद आलम की कलम से : पुलिस का भी ‘दर्द’ समझिए साहब, काम के बढ़ते बोझ ने पुलिस वालों में ‘इंसान’ होने के भाव ही खत्म कर दिया है

अरशद आलम उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सवाल पिछले कई सालों से विधानसभा चुनाव में राजनैतिक बहस का मुद्दा बनता…

3 years ago

14 नवंबर जन्मदिन पर विशेष : आधुनिक भारत के निर्माता नेहरू

डॉ0 मो0 आरिफ आज आजादी के पचहत्तरवें वर्ष भी पं।जवाहर लाल नेहरू चर्चा में हैं। उनपर आरोप -प्रत्यारोप की बारिश…

3 years ago