हाय रे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसडा
।।।उपस्थिति पंजिका।।। |
बलिया। अरविन्द सिंह। “कुछ भी हो जाए हम नहीं सुधरेंगे” मानो ये नारा हो गया है रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का। हाल ही में केंद्रीय कमेटी दौरा हुवा था सरकारी अस्पतालों का जिसके अंतर्गत बड़ी बड़ी चेतावनियां मिली थी अस्पताल के कर्मचारियों को। फिर भी कोई असर नही है इन कर्मचारियों पर।
खबर बलिया जनपद के सबसे बडे ब्लाक रसडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की है जहाँ डाक्टरो कि फौज है जहाँ कुछ डाक्टरो की मनमानी इस कदर देखने को मिली है कि कुछ डाक्टर सुबह से शाम तीन बजे तक अपना कार्य करते है लेकिन ज्यादा तर डाक्टर अपना उपस्थिति दिखा कर विभाग को चकमा दे रहे है ।अभी अभी उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने डॉक्टरों की कमी को देखते हुवे मेडिकल कालेज खोलवाने की बात कर रहे है।
।।।बंद पड़ा विभाग।।।। |
लेकिन उनकी सरकार तले डॉक्टर अपनी मनमानी कर उपस्थिति पंजिका में अपना हस्ताक्षर कर घर चले जाते है। ऐसा ही मामला आज रसडा मे देखनो को मिला उपस्थिति पंजिका मे सभी लोग उपस्थित दिख रहे है। लेकिन जब हमने इसका सर्वे किया तो जो बात खुल के सामने आई वो इस प्रकार है। कुछ डॉक्टरों के हस्ताक्षर तो है लेकिन मौके पर डॉक्टर नही थे। इस प्रकरण को मद्देनजर रखते हुए जब पत्रकारो ने अधिक्षक विरेन्द्र कुमार से बात की तो उन्होंने रटा रटाया बयान दिया कि इस पर बिलकुल ध्यान दिया जायेगा। हमारे संवाददाता ने जब ये भी पूछा की “बहुत लोग आते नही है लेकिन हाजिरी लग जाती है क्यों?” इस पर अधिक्षक महोदय ने रजिस्टर मगाकर चेक किया जिसमे डेन्टल विभाग से दो लोग अनुपस्थित थे लिहाजा अधिक्षक ने तत्काल फोन कर सुधरने की चेतावनी देते हुवे एक और मौका दिया और कहा ऐसा नही होना चाहिए और दोनो को रजिस्टर से अनुपस्थित किये गए। सबसे बड़ी बात ये की क्या रजिस्टर से ही अनुपस्थित कर देने से बात बन जायेगी या और कुछ भी ऐसे लोगो के साथ करना चाहिए। अगर ऐसे में सरकारी कर्मचारी कही जा कर कोई अपराध कर देते है तो ज़िम्मेदार कौन होगा। आखिर उपस्थिति चेक करना किसका काम है। क्या अधिक्षक महोदय द्वारा केवल एक चेतावनी ही बहुत है। सबसे बड़ा सवाल ये की क्या हमारे सरकार के पास इस गैर क़ानूनी व्यवस्था को रोकने के लिए क्या कोई उपाय नहीं है?