भाजपा वाले बाबू मेरी खता बता दो
शीतल सिंह “माया” की कलम से निकलता आगरा का दर्द
मैं आगरा हूं। सरकारी अभिलेखों में हिंदुस्तान की उप राजधानी। दुनिया में मुल्क की पहचान मेरे बेजोड़ मकबरे ताजमहल से है। मेरी उम्र हजार बरस से ज्यादा है। मेरे रजो कण में महर्षि परशुराम का बचपन बीता है। कर्मयोगी कृष्ण मेरे आगोश में ग्वाल वालों से खेले। मुझे सम्राट सिकंदर लोदी ने 510 बरस पहले हिंदुस्तान की राजधानी होने का गौरव दिया। इसे उनके उत्तराधिकारी सम्राट इब्राहिम लोदी, सम्राट बाबर, सम्राट हुमायूं, सम्राट अकबर, सम्राट जहांगीर, सम्राट शाहजहां, युवराज दाराशिकोह, सम्राट आरंगजेब ने बनाए रखा।
मेरे किले में हिंदुओं के सशक्त मराठा वीर छत्रपति शिवाजी ने मुगल सल्तनत से आंख मिलाई थीं। मेरे पास तीन विश्वदाय स्मारक हैं। जबकि दुनिया के किसी और शहर में एक से ज्यादा विश्वदाय स्मारक नहीं हैं। मेरा ताजमहल भारत की आन बान और शान है। भारत का पर्यटन कारोबार की धुरी हूं मैं। हर साल तकरीबन 200 करोड़ डालर की कीमत की विदेशी मुद्रा देता हूं। मेरे पास हर साल तकरीबन 40 लाख हिंदुस्तानी और 6 लाख दीगर मुल्कों के सैलानी आते हैं। धार्मिक स्थलों को छोड़कर भारत के किसी और शहर में पर्यटक इतनी संख्या में नहीं पहुंचते हैं। मैं जितना देता हूं। सरकारें उसका 10 फीसदी भी मुझ पर खर्च नहीं करतीं। कोई बताए जिन 20 शहरों को स्मार्ट सिटी की पहली सूची में रखा गया है, उनकी तुलना में मै किस लिहाल से कम है। मैं हर साल 2 हजार करोड़ डालर का जूता निर्यात करता हूं। क्या इन 20 शहरों का मिलाकर इतनी कीतम का निर्यात है। सियासी नजर से देखों केंद्र और राज्य में किसी भी सरकार रही हो, 1978 से नगर महापालिका अब नगर निगम में सिर्फ और सिर्फ बीजेपी की सरकार बनाई। रमेशकांत लवानियां, बेबीरानी मौर्य, सेठ किशनलाल माहौर, अंजुला सिंह, इंद्रजीत आर्य की जीत गवाह है, जिन हाथों में स्मार्ट सिटी बनाने की ताकत थी, उन्हें 30 बरस से अपने खून से ताकत हमने दी। बात 2014 में लोकसभा चुनाव की आई तो 100 फीसदी बीजेपी के पक्ष में फैसला सुनाया। फिर मैंने कौन सा गुनाह किया, बताएं बीजेपी के कर्णधार। बात निकली है तो दूर तक जाएगी।