गाज़ियाबाद- कलम, खाकी और नशे का काला कारोबार
ग़ाज़ियाबाद। आशीष वाल्डेन। थाना सिहानीगेट भट्टा नम्बर 5 इलाके को काफी समय से ड्रग्स डीलरो ने अपना गढ़ बनाया हुआ था , दिल्ली से आया राहुल नाम का तड़ीपार ड्रग्स डीलर, ग़ाज़ियाबाद में आकर एक पत्रकार और एक यूपी पुलिस के सिपाही के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर नशे की दूकान चला रहा था , लेकिन कुछ अखबारो में खबर छपने के बाद ,कुछ दिनों पहले इनके अड्डे पर स्थानीय निवासियो ने जमकर तोड़फोड़ की । अब शिकंजा कसता देख मुख्यारोपी राहुल ग़ाज़ियाबाद छोड़ फरार हो गया , जिसके बाद करोड़ो का अफीम और गाँजा 5 नम्बर इलाके के पास एक गाँव में शिफ्ट कर दिया गया।
आज ग़ाज़ियाबाद पुलिस बड़ी कार्यवाही कर माल कब्जे में लेती उससे पहले ही खबर लीक हो गयी और एक बार फिर ड्रग्स माफिया और ड्रग्स पुलिस की पहुँच से दूर हो गए ।
सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि इस रैकेट से जुड़े लोग ,
सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि इस रैकेट से जुड़े लोग ,
छोटे-छोटे बच्चों से गाँजे के पैकेट पैक करवाते है और उसके बाद उन्ही से सप्लाई भी करवाते है ,ऐसी स्थिति में कई बच्चे छोटी उम्र में ही नशे के आदि हो गए है ।
उसी के विरोध में आज फिर आसपास के लोग इनके अड्डे पर हमला कर , सारा माल जलाने वाले थे लेकिन पत्रकार को पता चलने पर वहाँ से माल हटा लिया गया ।
उसी के विरोध में आज फिर आसपास के लोग इनके अड्डे पर हमला कर , सारा माल जलाने वाले थे लेकिन पत्रकार को पता चलने पर वहाँ से माल हटा लिया गया ।
राहुल ने पुराने बसअड्डे के पास सट्टे का कारोबार भी चला रखा था जिसे कुछ दिनों पहले पुलिस ने बन्द करा दिया। उस समय भी इस पत्रकार ने पुलिस से मामले को रफादफा करवाने की सिफारिश की लेकिन उसकी एक ना चली ।
अब सवाल ये उठता है कि इस तरह अपने आप को चौथे स्तम्भ का हिस्सा बताने वाले पत्रकार , ड्रग्स डीलरो और सट्टेबाजो का साथ देंगे , पुलिस और अपराधियो के बीच दलाल का काम करेंगे तो क्या इन पत्रकारो से सच्ची और निपक्ष पत्रकारिता की उम्मीद की जा सकती है ?
अब सवाल ये उठता है कि इस तरह अपने आप को चौथे स्तम्भ का हिस्सा बताने वाले पत्रकार , ड्रग्स डीलरो और सट्टेबाजो का साथ देंगे , पुलिस और अपराधियो के बीच दलाल का काम करेंगे तो क्या इन पत्रकारो से सच्ची और निपक्ष पत्रकारिता की उम्मीद की जा सकती है ?