कानपुर- जमकर हुवा दो सपाइयो के बीच पथराव। मूकदर्शक बनी रही एक घंटे तक पुलिस। क्या नहीं है फ़िक्र विधायक को आम जनता की

कानपुर। इब्ने हसन ज़ैदी व दिग्विजय सिंह। बजरिया थानाक्षेत्र के ब्रहम्मानगर क्षेत्र आज दो सपा नेताओ का कुरुक्षेत्र बन गया। दोनों पक्षों के बीच ऐसा बवाल हुवा कि ज़िले के पुलिस कप्तान को अपने सहित 6 क्षेत्राधिकारी और पीएसी की भी ज़रूरत पड़ गई। आज शाम दो सपा नेताओ के बीच जमकर बवाल और पथराव हुआ दोनों नेताओ के समर्थको ने एक दूसरे पर लगभग एक घंटे तक इस तरह बेख़ौफ़ होकर पत्थर बाजी की कि पुरे प्रदेश को बता दिया कि आखिर सत्ता की पॉवर होती क्या है। दोनों नेताओ ने सत्ता का भरपूर पॉवर दिखाया और राहगीर की फिकर नहीं की। किसी राहगीर का सर फट जाए या मर जाए क्या फर्क पड़ता है। अपनी बला से। हमारा शासन है जैसे चाहे करे।

वैसे आपको बताते चले कि इन दोनों के बीच लड़ाई की वजह भी कोई बड़ी नहीं थी बस एक नेता के रिश्तेदार की बाइक दूसरे के घर के सामने किसी राहगीर से लड़ गई थी जिसको लेकर विवाद चल रहा था, घर के सामने विवाद होता देख नेता जी भी बीच-बचाव करने पहुँच गए और दूसरे नेता के रिश्तेदार से उनका खुद झिक झिक हो गई। बस फिर क्या फैला दिया सड़क पर आराजकता। यही पॉवर नहीं रुका असली पॉवर तो ये देखे कि मौके पर पहुंचे सपा विधायक यह सफाई देते रहे ये दोनों मेरी पार्टी और मेरे परिवार के है इनको बुलाया है समझा कर शांत करा देंगे। इसको कहा जाता है सत्ता की असल हनक। खैर साहेब विधायक बाबू समझाने में व्यस्त हो गए है और हम लिखने में। वैसे लिखते लिखते याद आया कि स्वयं विधायक जी के परिवार के चाचा खुद विधायक जी पर कई बार मार-पीट का आरोप लगा चुके है।
अब आपको बताते है शुरू की घटना। बजरिया थाना क्षेत्र के ब्रह्मनगर इलाके के रहने वाले सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी के समर्थक सपा नेता रजई बाजपेयी रिंकू और सपा नेता अनिल सोनकर वारसी मामूली गाड़ी लड़ने के विवाद में भिड़ गये जहाँ रिंकू गुट ने बाईक सवार युवक को जमकर पीटा वही बाइक सवार के रिश्तेदार की तरफ से वारसी गुट से आये सैकड़ो लोगों ने जमकर पथराव और तोडफ़ोड़ करते हुये रिंकू के घर का दरवाज़ा तोड़ दिया और बीच-बचाव में आयी महिलाओं को भी नहीं बक्शा तब घर की महिलाओं ने मोर्चा लिया और छत पर से पथराव करके घर में घुसे लोगों को खदेड़ दिया जिसमे अनिल समेत महिला मोना, अभिषेक, कल्लू, श्याम और संत लाल घायल हो गये वहीँ घंटो विवाद के बाद क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुँची तब तक डॉयल 100 की एक गाड़ी के सिपाही मूकदर्शक बने हुए थे। वो कर भी क्या सकते थे। नौकरी करनी है और दो हाथी लड़ रहे है बीच में आकर पिसना है क्या?
ये पथराव लगभग एक घंटे तक दोनों पक्षों में होता रहा, जिससे इलाके में सनसनी फ़ैल गयी आसपास की दुकानों के शटर धड़ा-धड़ गिर गये, घरों में लोग दुबक गए सड़क से गुजरने वाले सपा नेताओ के इस तांडव का नजारा चुपचाप देखते रहे ,आखिर कुछ देर बाद सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी भी आ गए और मामले में दोनों पक्षों को बैठाकर बातचीत के जरिए विवाद शांत कराने की बात कही। वही बवाल की जानकारी पर कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। इस बीच अनिल सोनकर के भाईयों व घरों की महिलाओं ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और इकठ्ठा भीड़ को खदेड़ दिया। सपा नेताओं के बीच हुए बवाल की जानकारी पर एसएसपी शलभ माथुर, एसपी पश्चिम राजेश एस., पांच सर्किल के सीओ, एक दर्जन थानों की पुलिस फोर्स
मौके पर आ गई। तो दोनों पक्षों को काबू में किया गयाएसएसपी ने स्थिति को तनावपूर्ण देखते हुए पीएसी व थानों की फोर्स एहतियातन तैनात करा दिया है और घायलों को मेडिकल कराने भेज दिया।
अब आपको बताते है सपा विधायक की सफाई उन्होंने कहा कि दोनों ही हमारे सपा परिवार के सदस्य है इनको समझा कर शांत करा देंगे। वैसे विधायक जी भी अपनी जगह सही ही है। मामला सपा से जुड़ा होने से पुलिस भी ज्यादा शक्ति नहीं दिखा पाई ,जबकि पुलिस का कहना है रिपोर्ट लिखकर जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगी। वही एसएसपी शलभ माथुर ने कहा की ये दो लोगो में बाइक की टक्कर को लेकर बावल हो गया था पथराव भी हुआ था जो लोग घायल है उनको अस्पताल भेजा गया है बाकी एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। 

आपसी अदावत की जंग है दोनों के बीच 
सपा कार्यकर्ताओं के बीच भले ही बाइक टकराने की बात पर बवाल होने की बात कही जा रही हो, लेकिन क्षेत्रीय लोगों की माने तो दोनों के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है। मौजूदा समय में दोनों की सूदखोरी और विवादित प्रापर्टी खरीदने का काम करते है। हाल में ही रमई बाजपेयी ने एक मकान खरीदा है, जिस पर अनिल की पहले से निगाहें थी। इसको लेकर दोनों के बीच पहले भी झगड़ा हुआ था। लेकिन एक पक्ष को विधायक की करीबी के चलते दूसरे को बैकफुट पर आना पड़ा।
फिलहाल अधिकारियों को कहना है कि किसी भी सूरत में माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। हालांकि अधिकारियों के यह दावें घायलों की मेडिकल रिपोर्ट, पुलिस जांच के बाद अगले 12 घंटों साफ हो जाएगी वही दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर गम्भीर आरोप लगाते हुए बजरिया थाने में तहरीर दी है और खबर लिखे जाने तक किसी की एफआईआर दर्ज नहीं की गयी है।
तो देखा साहेब इसको कहते है सत्ता की हनक। कौन राहगीर घायल हुवा, किस दुकानदार का नुकसान हुवा, किसको चोट लगी किसी को नहीं पता न किसी ने पता किया। किसी की छोड़िये साहेब क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक को इसकी सुध नहीं है। उनको तो अपने इन दो समर्थको की सुध है बस। शायद विधायक जी भूल गए है कि यही आम जनता के वो विधायक है ना कि अपने उन दो समर्थको के। क्षेत्रीय जनता में खुस्फ़ुसाहट बढ़ गई है। काका चाचा ताऊ भाई सभी कुछ न कुछ कहते ही मिल रहे है। बस साहेब सत्ता का जलवा है। जब प्रशासन एक घंटे मूकदर्शक बन सकता है जिसके पास सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध है तो हम तो कलमकार है साहेब हम पहले भी असुरक्षित रहे है और सुरक्षा का कोई सहारा भी नहीं है। बस अब तो वेट एंड वाच ही कर सकते है।

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