धूमधाम से मनाया गया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष का स्थापना दिवस
वाराणसी। आचल। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष का स्थापना दिवस (बसंत पंचमी) के पावन पर्व पर आज धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में आज प्रातः कुलपति प्रो0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी जी ने कुलसचिव डाॅ0 के0पी0 उपाध्याय, वित्ताधिकारी अभय कुमार ठाकुर, कार्यकारिणी परिषद सदस्य प्रो0 धनन्जय पाण्डेय, प्रो0 चित्तरंजन ज्योतिषी, आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो0 राजीव संगल व आईआईटी के कुलसचिव डाॅ0 एच0पी0 माथुर तथा विश्वविद्यालय के शिक्षको, अधिकारियो एवं कर्मचारियो के साथ विश्वविद्यालय के स्थापना स्थल पर जाकर पूजन हवन पूर्णाहुति की व माल्र्यापण कर वहाॅ स्थित माॅ सरस्वती के मन्दिर में पूजन अर्चन किया। प्रो0 चन्द्रमौली उपाध्याय के सानिध्य में पुरोहितो ने रुद्राभिषेक किया। इस मौके पर सलाहकार ए0के0 सेठ तथा प्रो0 आर0के0 पाण्डेय आदि मौजूद थे। अपने उद्बोधन में कुलपति जी ने कहा कि महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय जी के दूरदर्शिता का प्रतीक यह विश्वविद्यालय मानव के सर्वांगीय विकास के लिए कृत संकल्पित है।
हम सभी सौभाग्यशाली है कि आज हम 100वे वर्ष के स्थापना दिवस समारोह के साझी है। हम सभी इस महापुरुष के उद्दश्यों को साकार करते हुए इसे विकास की ओर ले जाएगे। इस अवसर पर उपस्थित समस्त लोगो ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
इसके उपरान्त कुलपति जी ने महिला महाविद्यालय छात्रावास, त्रिवेणी छात्रावास संकुल एवं कामकाजी महिला छात्रावास जाकर पूजन अर्चन किया। इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता प्रो0 एम0के0 सिंह, कुलसचिव डाॅ0 के0पी0 उपाध्याय, चीफ प्राक्टर प्रो0 सत्येन्द्र सिंह, प्रो0 ओ0एन0 सिंह, प्रो0 ओ0पी0 राय तथा प्रो0 जे0पी0 राय आदि मौजूद थे। कामकाजी महिला छात्रावास में कुलपति जी का स्वागत प्रशासनिक संरक्षिका प्रो0 सुषमा त्रिपाठी ने किया।
कुलपति प्रो0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी तथा महामना के पौत्र जस्टिस गिरिधर मालवीय ने पूर्वान्ह लक्ष्मण दास अतिथि गृह चैराहे से झण्डी दिखाकर 28 इकाईओ द्वारा प्रस्तुत आकर्षक झाॅकियो वाली शोभायात्रा को आरम्भ किया। इस अवसर पर सपत्नीक जस्टिस गिरिधर मालवीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 वाय0सी0 सिम्हाद्री, प्रो0 पी0सी0 उपाध्याय, कुलसचिव डाॅ0 के0पी0 उपाध्याय, वित्ताधिकारी अभय कुमार ठाकुर, महामना मालवीय मिशन के महासचिव विजय नाथ पाण्डेय, डाॅ0 उपेन्द्र त्रिपाठी विश्व संवाद केन्द्र के प्रमुख श्री नागेन्द्र जी आईआईटी के निदेशक प्रो0 राजीव संगल आदि मौजूद थे। मालवीय भवन पहुॅचने पर कुलपति जी के साथ अतिथियो ने महामना की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
बैण्ड-बाजे के साथ झाॅकियो की शोभायात्रा आगे बढ़ी। शोभायात्रा की प्रथम झाॅकी के रुप में महिला महाविद्यालय की छात्राओ ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मुग्ध कर दिया। महिला महाविद्यालय के झाॅकी की थीम थी ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘। इसके पीछे आर्य महिला पी0जी0 कालेज, इसके पश्चात पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान की झाॅकी थी जिसकी थीम थी स्वच्छ गंगा निर्मल गंगा, इसमे डाल्फिन के संरक्षण को स्पष्ट रुप से दिखाया गया था। झाॅकी का नेतृत्व संस्थान के छात्र सलाकार प्रो0 आर0के0 मल्ल कर रहे थे। संस्थान के निदेशक प्रो0 ए0एस0 रघुवंशी व डीन प्रो0 कविता शाह थी अग्रणी भूमिका में थी। इसके पीछे चिकित्सा विज्ञान संस्थान की झाॅकी थी जिसकी थीम थी ‘‘स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत‘‘। झाॅकी के आगे बग्घी पर संस्थान के तीन पद्मश्री प्रो0 रामहर्ष सिंह, प्रो0 एस0 चूणामणि गोपाल तथा प्रो0 टी0के0 लाहिरी मौजूद थे। शोध के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाले प्रो0 श्याम सुन्दर अग्रवाल भी बग्घी पर थे। झाॅकी निर्माण में न्यूरोलाॅजी विभाग के प्रो0 वी0एन0 मिश्रा विशेष भूमिका निभाने वालो मे थे। इसके उपरान्त आयुर्वेद संकाय, दन्त चिकित्सा संकाय व औषधि संकाय की झाॅकी अपने संकायो की विकास यात्रा की थीम के साथ आकर्षक प्रदर्शन कर रही थी। इसके पश्चात ट्रामा सेन्टर, छात्र स्वास्थ्य संकुल, नर्सिंग महाविद्यालय की झाॅकी रक्तदान, आघात चिकित्सा के उपायो तथा आधुनिक चिकित्सा पद्वतियों को प्रदर्शित कर रही थी। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पारम्परिक गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था को दर्शाया गया था। कला संकाय सामाजिक विज्ञान व विज्ञान सस्थान तथा प्रबन्ध अध्ययन संस्थान के छात्रो ने भी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आकर्षक प्रस्तुति दी। वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियो ने झाॅकी के साथ-साथ नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर संकाय के 75 वर्ष के विकास यात्रा को दर्शाते हुए भविष्य में इसे संस्थान बनाये जाने सम्बन्धी लक्ष्य को प्रस्तुत किया। कृषि विज्ञान संस्थान व वेटेनरी एवं एनिमल साइंस संकाय तथा डेयरी की झाॅकी उद्यान विशेषज्ञ इकाई की झाॅकी में कृषि क्षेत्र में हुए नवीन अनुसंधानो तथा प्रौद्योगिकी को दर्शाया गया। दृश्य कला संकाय, मंच कला संकाय के अलावा राष्ट्रीय सेवा योजना की झाॅकी ने नुक्कड़ नाटक व अपनी कला से सभी को मुग्ध कर दिया। विश्वविद्यालय क्रीडा परिषद तथा शारीरिक शिक्षा विभाग की झाॅकी में छात्र-छात्राओ द्वारा पिरामिड व कुश्ती आदि का प्रदर्शन दिखाया गया। भारत अध्ययन केन्द्र व कौशल विकास केन्दग की झाॅकी ने सभी को मुग्ध कर दिया। इन केन्द्रो की स्थापना अभी कुछ माह पूर्व हुइ थी।
आईआईटी बीएचयू की झाॅकी कैमरा लगा ड्रोन उड़ाने के साथ रिमोट से चलने वाले वाहन सहित अन्य प्रौद्योगिकी विकास प्रस्तुत किये। स्थापना दिवस के अवसर पर लगभग पाॅच घंटे तक ढोल-ढमाको व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमो के साथ झाॅकीयो के निकलने का क्रम जारी रहा है। शोभायात्रा के दौरान बीच में एनसीसी के तीनो विंग, थल सेना, वायु सेना तथा जल सेना के प्रतीक एनसीसी कैडेट्स ने युद्व का सामना कर रहे सैनिको आकर्षक दृश्य प्रस्तुत किया। कृषि विज्ञान संस्थान की झाॅकी में सभी चार टेक्टर को संस्थान की छात्राएॅ संचालित कर रही थी। आज पूरे दिन भर परिसर में सभी में अजीब उत्साह व जोश-खरोश देखा गया। अधिकतर छात्र-छात्रएॅ शिक्षक अधिकारी व कर्मचारी पीले परिधान, साॅफर अथवा उत्तरी पहने थे, महिलाए पीली साड़ी में थी। विभिन्न छात्रावासो में भी माॅ सरस्वती का पूजन हो रहा है। परिसर के विभिन्न भवनो को आकर्षक तरीके से सजाया गया है।