पत्रकार की कलम खरीदना मुश्किल नहीं नामुमकिन है- तारिक़ ज़की
बेंगलोर। सुफियान ज़की। लोकतंत्र का सबसे मज़बूत स्तम्भ इसका चौथा स्तम्भ है। पत्रकार को कलम को खरीदना असंभव है। भले जितने हमले हो कलमकारों पर मगर कलमकार झुकने वाले नहीं है। हम ही सत्य है और सत्य रहेगे। भले दुनिया जितना चाहे हमला करे हमपर। हम अजर और अमर है। हमारी आवाज़ को दबाना असंभव है।
माना कि बहुत कम हयात लेकर पैदा होते है हमारे अलफ़ाज़ जो चद लम्हों में ही रद्दी में तब्दील हो जाते है। मगर ये भी याद रखना चाहिए कि यह हमारे अलफ़ाज़ अक्सर गद्दीया भी हिला देते है।
उपरोक्त बाते आल इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन तारिक़ ज़की ने पत्रकारो को संबोधित करते हुवे कही। श्री ज़की आइरा के कार्यालय में बैगलोर के वरिष्ठ पत्रकार ऋषिक राकेश के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उक्त अवसर पर शहर के कई वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे। सभी ने पत्रकार ऋषिक राकेश को जन्मदिन की बधाई दी।