गन्दगी के ढेर पर बैठा एक खूबसूरती का शहर।
स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छ भारत अभियान और स्मार्ट सिटी जैसी प्रतिस्पर्धाओं में दावे तो बड़े-बड़े होते रहे। वहीं, सफाई के इंतजाम ध्वस्त होते चले गए। नगर निगम के मेंटिनेंस एंड ट्रांसपोर्टेशन (एमएंडटी) में बड़ा खेल होने की आशंका है। आशंका निराधार इसलिए नहीं है, क्योंकि कूड़ा उठान में हद दर्जे की लापरवाही अपनाई जा रही है। निगम का खत्ताघर कुबेरपुर में है। व्यवस्था है कि शहर में प्रतिदिन उत्पादित होने वाला 750-800 मीट्रिक टन कूड़ा वहीं डंप किया जाए।
मगर अफसरों की बेफिक्री का लाभ उठा कर अधीनस्थों ने कई स्थानों पर अवैध खत्ता घर बना दिए हैं। ट्रांसपोर्ट नगर, इंदिरापुरम, नगला छऊआ, मारुति एस्टेट सहित कई इलाकों में लगातार कूड़ा डंप किया जा रहा है। यह शहर के निकट के क्षेत्र हैं। यहां कूड़ा डंप कर डीजल कुबेरपुर तक का लिया जा रहा है। इस व्यवस्था से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 800 मीट्रिक टन के बजाए बमुश्किल 500 मीट्रिक टन कूड़ा ही उठाया जा रहा है।
कूड़ा डंपिंग के बजाए कूड़ा उठान में भी मनमानी चल रही है। संजय प्लेस, कमला नगर जैसे इलाकों में भी डलावघरों को कभी भी कूड़े से अटा देखा जा सकता है।