कन्हैया के ज़मानत से नहीं होगा पुलिस को एतराज़।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार द्वारा आज
न्यायपालिका एवं संविधान पर पूरा विश्वास जताए जाने के बयान पर
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह उसकी
जमानत का विरोध नहीं करेगी।
कन्हैया ने रिमांड सुनवाई के लिए पेश किये जाने पर मेट्रोपोलिटन
मजिस्ट्रेट लवलीन से कहा, ‘मैंने पहले
भी कहा है। मैं भारतीय हूं। मुझे
देश के संविधान एवं न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।’ उसने
सुनवाई के शुरू में एक बयान में कहा, ‘मेरे विरूद्ध
मीडिया ट्रायल पीड़ादायक है।
अगर मेरे
खिलाफ सबूत है कि मैं गद्दार हूं तो कृपया मुझे जेल भेज
दीजिए। यदि मेरे खिलाफ सबूत नहीं है
तो मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए।’
कन्हैया पर पिछले हफ्ते जेएनयू में हुए एक कार्यक्रम के
सिलसिले में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और उसे
दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस कार्यक्रम
में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे। कन्हैया को दो
मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस बयान पर दिल्ली पुलिस के आयुक्त
बी एस बस्सी ने कहा कि यदि
कन्हैया जमानत की अर्जी लगाता है
तो पुलिस उसका विरोध नहीं करेगी।
बस्सी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप
से महसूस करता हूं कि एक युवा… को संभवत: जमानत दे
दी देनी चाएिह।’ कुमार ने पटियाला
हाउस अदालत की स्थिति का जायजा लेने के लिए
उच्चतम न्यायालय द्वारा भेजी गई
वकीलों की समिति से कहा कि उसके
साथ पुलिस का बर्ताव अच्छा है।
उसने कहा, ‘पुलिस के खिलाफ मेरी कोई शिकायत
नहीं है। जब मुझे अदालत लाया गया तो
भीड़ ने मुझ पर हमला किया था। पुलिस मुझे
घेरकर अदालत कक्ष ला रही थी और
उसने भीड़ से बचाने के लिए यथासंभव कोशिश
की, लेकिन फिर भी मुझे
पीटा गया। कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी
हमला हुआ।’ मजिस्ट्रेट ने अदालत में डॉक्टरों
की टीम द्वारा कुमार का मेडिकल
परीक्षण तत्काल करने का आदेश दिया।
मजिस्ट्रेट ने अदालत में मौजूद पुलिस उपायुक्त (सुरक्षा) को
यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि उस पर कोई हमला
नहीं हो। अदालत ने तिहाड़ जेल के
अधीक्षक को भी कन्हैया
की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।