नक़ल माफिया जहा नकल करवाने को तुले है, वही शिक्षा विभाग नकल रोकने को
बलिया। राहुल सिंह। बलिया जनपद में नक़ल माफियाओ का मकड़जाल कुछ इस तरह फैला है कि दूर दराज़ क्या गैर जनपद क्या दूसरे राज्यो से यहाँ परीक्षा देने छात्र छात्राए आते है। उनको यह विश्वास दिलाया जाता होगा कि पढ़ने लिखने की आवश्यकता नहीं हम नक़ल ज़बरदस्त करवा कर आपको पास करवा देंगे।
अब जनपद के नक़ल माफिया अपना ज़ोर नक़ल करवाने में लगा रहे है तो वही दूसरी तरफ शिक्षा विभाग नक़ल रोकने को पसीना बहा रहा है। इस जंग का आज एक बहुत दिलचस्प नज़ारा देखने को मिला जनपद के छपरा दुबे इंटर कॉलेज में जहा नक़ल की सुचना पर खुद बीएसए मौके पर पहुचे तो वहा का नज़ारा देख उनके भी होश फाख्ता हो गए।
हुवा कुछ इस तरह की हमारी न्यूज़ टीम को जहा उस कॉलेज में नक़ल की सूचना आई वही इस सुचनाकर्ता ने अपना कर्त्तव्य निभाया और बीएसए बलिया को भी इसकी सूचना प्रदान की। बीएसए बलिया ने किसी और को मौके पर न भेज खुद मौके पर सदल बल पहुच गए। वहा के कुछ नज़ारे जो आप तस्वीरों में देख रहे है और बकिया नज़ारे देख साहेब के भी होश फाख्ता हो गए। फिर क्या था? चला बीएसए साहेब का चाबुक और नक़ल करते हुवे धर लिया कुल 37 को। लाख लोगो ने पकड़ बताई। कुछ ने तो नेताओ अधिकारियो का नाम भी बताया। किसी की न सुनी। आन की लगभग बात फंसी थी। प्रिंसिपल के तो सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी। प्रिंसिपल और कुछ नक़ल समर्थक शिक्षक खूब साहेब के आगे पीछे दाहिने बाए घुमे मगर बीएसए साहेब की भी अना का सवाल था। किसी कि एक न सुनी और नाप दिया पकडे गए सभी नकलचियों को।
अब देखने वाली बात ये होगी कि लगभग यह प्रकरण सामूहिक नक़ल का है। एक साथ 37 नकलची पकडे गए है। अब देखना यह होगा कि क्यों केंद्र व्यवस्थापक पर विभाग कार्यवाही करता है या फिर नहीं। हम तो कलमकार है। खबर लिखने को आतुर रहते है अब प्रतीक्षा है अगली खबर लिखने की।
अब देखने वाली बात ये होगी कि लगभग यह प्रकरण सामूहिक नक़ल का है। एक साथ 37 नकलची पकडे गए है। अब देखना यह होगा कि क्यों केंद्र व्यवस्थापक पर विभाग कार्यवाही करता है या फिर नहीं। हम तो कलमकार है। खबर लिखने को आतुर रहते है अब प्रतीक्षा है अगली खबर लिखने की।