हवस में अंधे हुवे बाबा को दुराचार के आरोप में दस साल की कैद।
पिथौरागढ़। आदित्य सिंह। एक महिला को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले बाबा को न्यायालय ने दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। बाबा को दुराचार के साथ ही कई अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई गई है।
नगर के समीप कौशल्या देवी मंदिर में रहने वाले बाबा दिगंबर तेज गिरी उर्फ मौनी बाबा निवासी डोईवाला हिमाचल प्रदेश हाल निवास पिथौरागढ़ ने एक महिला के साथ दुराचार किया था।
बाबा ने इसकी क्लीपिंग बना ली और वह इसे नेट पर डालने की धमकी देकर महिला को ब्लैकमेल कर रहा था। 4 सितंबर 2013 को कोतवाली में बाबा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। पुलिस ने मामले की विवेचना कर मामला न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
बीते रोज जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिकंद कुमार त्यागी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाया। उन्होंने बाबा को दुराचार के लिए धारा 376 (2) के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर बाबा को छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
बीते रोज जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिकंद कुमार त्यागी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाया। उन्होंने बाबा को दुराचार के लिए धारा 376 (2) के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर बाबा को छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
महिला को धमकाने के लिए दो वर्ष का सश्रम कारावास, एक हजार रुपये का अर्थदंड और अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास, अश्लील क्लीपिंग बनाने के लिए छह माह का सश्रम कारावास, आइटी एक्ट के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड और अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा बाबा को सुनाई गई।
अभियुक्त न्यायालय द्वारा लगाया गया अर्थदंड जमा करता है तो इसे क्षतिपूर्ति के रूप में महिला को दिया जाएगा। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता सीबी उप्रेती ने पैरवी की। उन्होंने मामले में 14 गवाह न्यायालय में पेश किए।