और जब फफक कर रो पड़े पिता पुत्र
सेमरियावां/संत कबीर नगर। दीपक कुमार। मौक़ा था ब्लॉक प्रमुख शपथ ग्रहण का, मौक़ा था खुशियां मनाने का, मौक़ा था अपनों से शुक्रिया अदा करने का इन सबके बीच सिर्फ और सिर्फ खुशियाँ ही खुशियाँ थी फिर भी आखिर इस ख़ुशी के मौके पर क्यों रो पड़े बाप बेटे ? ये बात सेमरियावां ब्लाक मुख्यालय परिसर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के गवाह बने सैकड़ो लोगो के दिलो में आवाज किये जा रहा था, हर तरफ बस एक आह थी जो बार बार पिता पुत्र की भावुकता को देखे ही जा रही थी, कुछ क्षणों के लिए भावुक पिता पुत्र को देख मैं भी खुद को भावुक होने से नही रोक सका, मेरी भी आँखे नम हो आई, मैं भी औरो की ही तरह एकटक पिता पुत्र को ही अपलक देखता ही रह गया । आइये चलिए आपको बताते है पिता पुत्र की भावुक्ता भरी कहानी हमारी जुबानी
मौक़ा था नव निर्वाचित ब्लॉक प्रमुख के शपथ ग्रहण समारोह का जिसमे नव निर्वाचित ब्लॉक प्रमुख के अलावा सभी नव निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों का भी शपथ ग्रहण होना था, शपथ ग्रहण का कार्यक्रम अभी शुरू ही नही हुआ था कि सेमरियावॉ के पूर्व प्रमुख महमूद आलम और उनके पिता पूर्व बी एस पी प्रत्यासी चौधरी मशहूर आलम अपने सम्बोधन के दौरान फुट फुट कर रो पड़े । पूर्व प्रमुख महमूद आलम चौधरी और उनके पिता चौधरी मशहूर आलम को फफक फफक कर रोता देख पूरा माहौल ख़ुशी की जगह गमगीन हो चला, सब भौचक्का रह गए ये देखकर । दरसल ये सब ख़ुशी के आँसू थे जो अचानक ही बह निकले, सत्ता के खिलाफ चुनाव लड़कर अपने ड्राइवर की पत्नी को प्रमुख की गद्दी दिलाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के बाद क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अपार जनसमर्थन से मिली एकतरफा जीत से उत्साहित पूर्व बी एस पी प्रत्यासी चौधरी मशहूर आलम और उनके पुत्र महमूद आलम को ख़ुशी का ठिकाना न था और इसी क्षणों ने उनकी आँखों में खुशियो के आँसू भर दिए । तालियों की गड़गड़ाहट ने भावुक हो चले पिता पुत्र को वो अनमोल खुशियो की सौगात से नवाजा जो हर किसी को जल्दी मिलता नही । क्षेत्र के विकास और हिन्दू मुस्लिम एकता को साथ लेकर चलने वाले दोनों जाबांज प्रतिनिधियों को मेरी अनंत हार्दिक शुभ कामनाए ।