मेरे बेटे को जहा भी रखना, ठीक से रखना, वो नाज़ुक है- एक माँ

आगरा। शीतल सिंह। यह एक मां का बेइंतहा दर्द है। मासूमियत भरे बेटे के लिए उसका दिल तड़प रहा है। चौबीस घंटे से ज्यादा हो गए आंखों से अश्रुधारा रुक-रुक बह रही है। रोते हुए बीच-बीच में कहती है: मेरी पूरी दौलते ले लो, मेरे लाड़ले दिव्य को लौटा दो। वह मेरे कलेजे का टुकड़ा है।

छह साल के मासूम दिव्य के अपहरण मामले में पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी।

इस बीच अपहर्ताओं को संदेश देती है कि मेरे बच्चे को जहां भी रखना, सही से रखना। मेरा बेटा नाजुक है।

बच्चे के अपहरण के बाद से मां ही नहीं पूरे परिवार का बुरा हाल है। दिव्य के बाबा लव वाष्र्णेय, दादी निशा, पिता प्रतीक और मां निशा समेत पूरा परिवार रात भर लॉबी में बैठकर बच्चे की खबर आने का इंतजार करते रहे।

पुलिस से काटने लगे कन्नी

अब दिव्य के परिवार वालों ने पुलिस से कन्नी काटना शुरू कर दिया है। अब उसकी तलाश को निजी स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं। 

सोशल मीडिया का सहारा

परिजनों ने व्हाट्स एप और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया है। इसमें दिव्य के बारे में कोई भी जानकारी देने की अपील की है। 

फोन की घंटी पर लगे कान

मासूम के अपहरण के बाद से गम में डूबा परिवार फोन की घंटी बजते ही दौड़ पड़ता है कि शायद दिव्य की खबर आई है। आने वाले हर कॉल को एक बार में ही उठाया जा रहा है। फिलहाल बच्चे के संबंध में कोई फोन नहीं आया है।

अभिषेक के परिजन भी मिले

कमला नगर से अपहृत अभिषेक के परिजन पंकज अग्रवाल भी सोमवार को दिव्य के परिजनों से मिले। अभिषेक का भी पांच जनवरी को अपहरण हो गया था, आज तक वह बेसुराग है। छात्र के परिजनों ने दिव्य के सकुशल लौटने का भरोसा परिवार को दिलाया।

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