बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ लेकिन कैसे
लखनऊ। तारिक़ आज़मी। उनकी पहचान न केवल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की बहु के तौर पर है बल्कि एक समाजसेवी व गायिका के तौर पर भी वह जानी जाती हैं। कई कार्यक्रमों के दौरान उनके दिए बयानों से यह भी सवाल खड़े हुए कि क्या वह आने वाले वक्त में राजनीति में सक्रिय होंगी लेकिन इसका जवाब उन्होंने कभी भी साफ तौर पर नहीं दिया। महिला दिवस से एक दिन पहले एक अख़बार को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने साफ कहा कि अगर लोग चाहेंगे की वे राजनीति में आएं तो वे जरूर आएंगी।
उनका लक्ष्य जनता के लिए काम करना है। वहीं महिलाओं के लिए उन्होंने संदेश दिया कि आज के दौर में महिलाओं को कानून की समझ रखना जरूरी हो गया है।
महिलाओं को लॉ की समझ होना जरूरी
अपर्णा के मुताबिक आज के दौर में महिलाएं काफी तरक्की कर रही हैं लेकिन इसके बावजूद जिस चीज की कमी रह गई है, वह है लॉ की समझ की। पढ़ी-लिखी महिला के लिए आज के दौर में कानून की समझ रखना भी बेहद जरूरी हो गया है।
महिलाओं को लॉ की समझ होना जरूरी
अपर्णा के मुताबिक आज के दौर में महिलाएं काफी तरक्की कर रही हैं लेकिन इसके बावजूद जिस चीज की कमी रह गई है, वह है लॉ की समझ की। पढ़ी-लिखी महिला के लिए आज के दौर में कानून की समझ रखना भी बेहद जरूरी हो गया है।
वे अपने साथ होने वाले जुर्म के खिलाफ तभी ठीक तरह से आवाज उठा पाएंगे जब उन्हें कानून के बारे में पता होगा। वहीं खुद के राजनीति में आने के सवाल पर बोलीं कि अगर लोग चाहेंगी कि वे राजनीति में आएं तो वे जरूर आएंगी।
क्राइम के खिलाफ एकजुट होना जरूर
बीते दिनों महिला अपराध से जुड़ी कई घटनाएं सामने आईं। सीएम आवास से कुछ दूरी पर ही बच्ची के साथ बलात्कार की खबर से पूरी राजधानी हिल गई थी। अपर्णा यादव से जब पूछा गया कि एक तरफ सूबे की सरकार कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। इस पर उनका कहना था कि क्राइम रोकने के लिए सबको एक जुट होना पड़ेगा। इंसान में इंसानियत होना बेहद जरूरी है। कई बार लोग छेड़खानी होते हुए देखते हैं लेकिन चुप रहते हैं, इग्नोर करते हुए आगे बढ़ जाते हैं। असल में सबसे बड़ी गलती तो यह है। आप अगर दूसरे की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे तो कल को आपकी मदद के लिए कोई कैसे आगे आएगा। मैं इस बात से सहमत हूं कि कानून व्यवस्था को और भी ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करने की आवश्यकता है।
बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ लेकिन क्या….
बीते दिनों पीएम मोदी जब बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में लखनऊ आए थे तो उस कार्यक्रम में अपर्णा यादव भी पहुंची थीं। कई लोगों का मानना था कि वे पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं। अपर्णा इस पर कुछ भी कहने से बचीं लेकिन पीएम मोदी के बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे पर कटाक्ष जरूर किया। उन्होंने कहा कि पीएम साहब यह तो कहते हैं कि बेटी-बचाओ और बेटी पढ़ाओ लेकिन यह नहीं बताते कि क्या और कैसे बचाओ और पढ़ाओ…।
क्राइम के खिलाफ एकजुट होना जरूर
बीते दिनों महिला अपराध से जुड़ी कई घटनाएं सामने आईं। सीएम आवास से कुछ दूरी पर ही बच्ची के साथ बलात्कार की खबर से पूरी राजधानी हिल गई थी। अपर्णा यादव से जब पूछा गया कि एक तरफ सूबे की सरकार कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। इस पर उनका कहना था कि क्राइम रोकने के लिए सबको एक जुट होना पड़ेगा। इंसान में इंसानियत होना बेहद जरूरी है। कई बार लोग छेड़खानी होते हुए देखते हैं लेकिन चुप रहते हैं, इग्नोर करते हुए आगे बढ़ जाते हैं। असल में सबसे बड़ी गलती तो यह है। आप अगर दूसरे की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे तो कल को आपकी मदद के लिए कोई कैसे आगे आएगा। मैं इस बात से सहमत हूं कि कानून व्यवस्था को और भी ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करने की आवश्यकता है।
बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ लेकिन क्या….
बीते दिनों पीएम मोदी जब बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में लखनऊ आए थे तो उस कार्यक्रम में अपर्णा यादव भी पहुंची थीं। कई लोगों का मानना था कि वे पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं। अपर्णा इस पर कुछ भी कहने से बचीं लेकिन पीएम मोदी के बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे पर कटाक्ष जरूर किया। उन्होंने कहा कि पीएम साहब यह तो कहते हैं कि बेटी-बचाओ और बेटी पढ़ाओ लेकिन यह नहीं बताते कि क्या और कैसे बचाओ और पढ़ाओ…।
केवल नारा देने से कुछ नहीं होता, उसका तरीका भी बताना चाहिए।
सर्टिफिकेट बांटने वालों को करें इग्नोर
इन दिनों टीवी और सोशल मीडिया पर भले ही कन्हैया कुमार और जेएनयू विवाद छाया हो लेकिन अपर्णा इसे पूरी तरह से इग्नोर करती हैं। उनका कहना है कि इस मुद्दे को कुछ ज्यादा ही तूल दे दिया गया। देश में और भी कई बड़ी समस्याएं हैं। वहीं सोशल मीडिया पर जो देशभक्ति और देशद्रोही का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं उन्हें इग्नोर करना चाहिए। ऐसे लोग केवल सस्ती पॉपुलैरिटी पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
सर्टिफिकेट बांटने वालों को करें इग्नोर
इन दिनों टीवी और सोशल मीडिया पर भले ही कन्हैया कुमार और जेएनयू विवाद छाया हो लेकिन अपर्णा इसे पूरी तरह से इग्नोर करती हैं। उनका कहना है कि इस मुद्दे को कुछ ज्यादा ही तूल दे दिया गया। देश में और भी कई बड़ी समस्याएं हैं। वहीं सोशल मीडिया पर जो देशभक्ति और देशद्रोही का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं उन्हें इग्नोर करना चाहिए। ऐसे लोग केवल सस्ती पॉपुलैरिटी पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।