ज़िस्म फरोशी के लिये बदनाम गली में लगेगी पंडित नेहरू की मूर्ति
इलाहाबाद। इलाहाबाद में जिस्मफरोशी के लिए बदनाम मीरगंज मोहल्ले के रेड लाइट एरिये में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति लगेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बारे में इलाहाबाद के डीएम को चार हफ्ते में जरूरी कदम उठाए जाने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री के जन्म स्थान पर उनकी मूर्ति लगाए जाने और उसे धरोहर के तौर पर घोषित कर उसका बेहतर रख रखाव किये जाने की मांग पूरी तरह सही है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हाईकोर्ट के इस दखल के बाद रेड लाइट एरिये में तब्दील हो चुके इलाहाबाद के मीरगंज इलाके में पंडित नेहरू की मूर्ति लगाए जाने और इस मोहल्ले को राष्ट्रीय धरोहर के तौर पर विकसित किये जाने का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल,14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद के चौक इलाके के मीरगंज मोहल्ले में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का जन्म हुआ था, बाद में वह बदनाम गलियों में तब्दील हो गया था। पहले वहां तवायफों की महफ़िल सजती थी। नाच-गाना होता था, लेकिन आज़ादी के कुछ बरसों बाद मीरगंज की गलियों में जिस्मफरोशी का धंधा शुरू हो गया। पंडित नेहरू की जन्मस्थली मीरगंज की पहचान यूपी में जिस्मफरोशी के सबसे बड़े अड्डे के तौर पर होती है। इस इलाके में कदम रखना तो दूर, लोग इसका नाम लेना भी पसंद नहीं करते।
इलाहाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील चौधरी ने नेहरू के जन्म स्थान से जिस्मफरोशी का धंधा बंद कराकर यहां पंडित नेहरू की मूर्ति लगाए जाने, जन्म स्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किये जाने और मीरगंज मोहल्ले का सौंदर्यीकरण कराकर इसे नई पहचान दिलाए जाने की मुहिम चला रखी है।
इलाहाबाद के कमिश्नर राजन शुक्ल ने भी जिले के डीएम को इस बारे में चिट्ठी लिखी है, लेकिन डीएम ने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया। सुनील चौधरी ने इन मांगों को लेकर कुछ दिनों पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस पीसी त्रिपाठी की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुनील चौधरी की मांगों को जायज करार दिया और इलाहाबाद के डीएम को चार हफ्ते में उचित फैसला लेने को कहा है।
अदालत के इस फैसले से पंडित नेहरू की जन्मस्थली को नई पहचान मिलनी तय हो गई है। सुनील चौधरी की तरफ से यह भी कहा गया कि बरसों से बंद पड़े नेहरू पार्क में पंडित नेहरू की जो मूर्ति लगी है, उसे ही मीरगंज में शिफ्ट किया जा सकता है।